- Home
- States
- Uttar Pradesh
- राम दरबार की अनोखी मूर्ति, जिसे धोने से आएगी और चमक– वैज्ञानिक जांच ने दी हरी झंडी, जानिए क्या है खासियत?
राम दरबार की अनोखी मूर्ति, जिसे धोने से आएगी और चमक– वैज्ञानिक जांच ने दी हरी झंडी, जानिए क्या है खासियत?
अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित हो रही है एक ऐसी राम दरबार मूर्ति, जो 40 साल पुराने संगमरमर से बनी है और जितना धोया जाए उतनी ही चमकती है! वैज्ञानिकों ने भी दी मंजूरी—ये मूर्ति 1000 साल तक रहेगी अडिग, अनोखी तकनीक और आस्था का संगम!
- FB
- TW
- Linkdin
Follow Us
)
सदियों तक दमकता रहेगा राम दरबार
राम मंदिर के प्रथम तल पर विराजमान होने जा रही राम दरबार की मूर्ति 40 साल पुराने खास संगमरमर से बनाई गई है। यह पत्थर जितना ज्यादा जल-स्नान करेगा, उतनी ही ज्यादा उसकी चमक बढ़ेगी। यह मूर्ति सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि वैज्ञानिक सोच और स्थापत्य कला का बेजोड़ उदाहरण है।
कौन सा है ये रहस्यमयी संगमरमर?
इस खास संगमरमर की शिला को आईआईटी हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने जांचा। इसकी ताकत, घर्षण सहने की क्षमता, तापमान सहिष्णुता और नमी सोखने की दर को परखा गया। रिपोर्ट के अनुसार यह पत्थर 1000 वर्षों तक बिना घिसे चमकदार बना रह सकता है, जो इसे बेहद खास बनाता है।
मूर्तिकार ने खोला रहस्य
राम दरबार को गढ़ने वाले प्रसिद्ध मूर्तिकार सत्य नारायण पांडेय ने बताया कि उन्होंने इस मूर्ति को 40 साल पुराने संगमरमर से तैयार किया है। उनके अनुसार, यह मूर्ति एक हजार साल तक बिना किसी क्षति के मंदिर की शोभा बनी रहेगी। यह मूर्ति श्रद्धा, विज्ञान और शिल्पकला का अद्वितीय संगम है।
कैसी होगी राम दरबार की संरचना?
राम दरबार की मूर्ति सिंहासन सहित सात फीट ऊंची होगी। हनुमान और भरत की मूर्तियां बैठी मुद्रा में रहेंगी, जिनकी ऊंचाई ढाई फीट है। वहीं लक्ष्मण और शत्रुघ्न खड़े स्वरूप में रहेंगे, जिनकी ऊंचाई तीन-तीन फीट होगी। इस अनुपात में सभी पात्र दिव्य आभा के साथ नजर आएंगे।
योगी आदित्यनाथ होंगे साक्षी
सीएम योगी आदित्यनाथ राम दरबार की प्राण-प्रतिष्ठा के मुख्य यजमान होंगे। वे मूर्तियों से आवरण हटाएंगे और नेत्रोन्मीलन की प्रक्रिया भी पूर्ण करेंगे। विशेष बात यह है कि इस ऐतिहासिक दिन पर योगी आदित्यनाथ अपना 53वां जन्मदिन अयोध्या में मनाएंगे।
अयोध्या में उत्सव का माहौल
राम मंदिर परिसर में भव्य आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं। सरयू महोत्सव का उद्घाटन भी सीएम करेंगे। मणिराम दास छावनी में महंत नृत्यगोपाल दास के जन्मोत्सव में भी भाग लेंगे। हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन कर राम नगरी की आध्यात्मिक ऊर्जा को और प्रखर करेंगे।
सुरक्षा के हैं अभेद्य इंतजाम
मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद है। ATS, CRPF, PAC और सिविल पुलिस के जवान तैनात हैं। मजिस्ट्रेटों की ड्यूटी भी लगाई गई है। सुरक्षा प्रभारी बलरामाचारी दुबे और निर्माण प्रभारी गोपाल राव लगातार निरीक्षण कर रहे हैं।
अयोध्या बना आत्मनिर्भर
महंत मिथिलेश नंदिनी शरण ने कहा, “एक संन्यासी मुख्यमंत्री ने रामराज्य के मूल्यों को फिर से जीवित किया है। अब अयोध्या के लोगों को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता। आजीविका के साधन यही विकसित हुए हैं।” अयोध्या अब पूरे भारत की आध्यात्मिक राजधानी बनती जा रही है।
डिजिटल युग में भी सबसे ऊपर राम की नगरी
आज अगर कोई गूगल पर "अयोध्या" सर्च करता है तो सबसे पहले दीपोत्सव की तस्वीरें सामने आती हैं। सरयू तट हो या राम दरबार, हर कोना अब तकनीक, आस्था और गौरव का प्रतीक बन चुका है। राम मंदिर का यह युग निर्माण अयोध्या को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित कर रहा है।