प्रयागराज से अगवा दलित बच्ची को केरल क्यों ले जाया गया? दोस्ती, धर्म परिवर्तन और राष्ट्रविरोधी ट्रेनिंग तक का खौफनाक प्लान! दो गिरफ्तार, जांच जारी… क्या ये एक बड़ी आतंकी साजिश थी?
Prayagraj Dalit Girl Kidnapping: देश को झकझोर देने वाला एक सनसनीखेज मामला प्रयागराज से सामने आया है, जिसमें एक दलित नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर अगवा कर केरल ले जाया गया। पुलिस जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं—बच्ची का कथित धर्म परिवर्तन कराकर उसे राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल करने की साजिश रची जा रही थी। प्रयागराज पुलिस ने इस मामले में अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि कई अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है।
कैसे रची गई साजिश? दोस्ती से शुरुआत और केरल तक की प्लानिंग
जांच अधिकारियों के अनुसार, इस साजिश की शुरुआत एक महिला द्वारा बच्ची से दोस्ती करने से हुई। महिला ने उसे अपनी बातों में उलझाया और एक विशेष धर्म के प्रति उसकी सोच को बदलने की कोशिश की। बच्ची को मानसिक रूप से तैयार कर लिया गया कि उसका मौजूदा परिवेश उसके लिए सही नहीं है। महिला ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर प्रयागराज रेलवे स्टेशन से बच्ची को पहले दिल्ली और फिर केरल भेजा। रास्ते में कई जगह उसे नए लोगों से मिलवाया गया और उसके विचारों को एक विशेष दिशा में मोड़ा गया।
सफर में शोषण, चुप्पी और डर
पुलिस की पूछताछ में बच्ची ने खुलासा किया कि यात्रा के दौरान एक युवक ने उसके साथ अनुचित हरकतें भी कीं। जब उसने विरोध किया, तो उसे डराकर और बहलाकर चुप करा दिया गया। यह घटना इस पूरे नेटवर्क की क्रूरता और नीयत को उजागर करती है।
केरल में क्या हुआ?
केरल पहुंचने के बाद बच्ची का धर्म परिवर्तन कराया गया। इसके बाद उसे कुछ ऐसे समूहों से मिलवाया गया, जो राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। पुलिस को संदेह है कि बच्ची को आतंकी गतिविधियों के लिए प्रशिक्षित करने की तैयारी की जा रही थी। हालांकि समय रहते बच्ची को बरामद कर लिया गया और अब वह पूरी तरह से पुलिस की देखरेख में है।
पुलिस की कार्रवाई और खुलासे
एडिशनल पुलिस कमिश्नर अजय पाल शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है। अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें से एक महिला है, जिसने बच्ची को बरगलाने का काम किया, जबकि दूसरा युवक सफर के दौरान उसके साथ था। पुलिस का कहना है कि इस मामले में कई और लोगों के नाम सामने आए हैं, जो उत्तर प्रदेश और केरल दोनों राज्यों से हैं। पुलिस की विशेष टीमें उन्हें पकड़ने के लिए अलग-अलग राज्यों में रवाना कर दी गई हैं।
क्या है पुलिस का अगला कदम?
पुलिस ने इस मामले को कड़ी सुरक्षा और संवेदनशीलता से देखा है। बच्ची का मेडिकल परीक्षण हो चुका है और उसकी काउंसलिंग कराई जा रही है। वहीं, फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से मोबाइल, चैट हिस्ट्री, वीडियो कॉल रिकॉर्ड्स जैसे डिजिटल साक्ष्यों को खंगाला जा रहा है।
साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की बड़ी साजिश?
इस केस ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। देशभर में ऐसे मामलों की समीक्षा शुरू हो चुकी है, जिसमें धार्मिक बदलाव और राष्ट्रविरोधी नेटवर्क की भूमिका हो सकती है। यदि आरोप साबित होते हैं, तो यह मामला केवल अपहरण या धर्मांतरण का नहीं, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा से भी जुड़ जाएगा।