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नोएडा की बालकनियों से गायब हो रहे गमले! क्या है RWA के इस फैसले की असली वजह?

पुणे में बालकनी से गमला गिरने से बच्चे की मौत के बाद नोएडा समेत कई शहरों में मचा हड़कंप! सोसायटी में गुपचुप हटाए जा रहे गमले, RWA से लेकर प्रशासन तक एक्टिव! क्या बालकनी अब बन गई है खतरे की जड़? जानिए इस सीक्रेट बदलाव का राज़...

Surya Prakash Tripathi | Published : May 19 2025, 06:52 AM
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पुणे की दर्दनाक घटना के बाद नोएडा में मचा हड़कंप
Image Credit : X

पुणे की दर्दनाक घटना के बाद नोएडा में मचा हड़कंप

पुणे में एक सोसाइटी में खेलते वक्त एक मासूम की बालकनी से गमला गिरने से मौत हो गई। इस दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। खासतौर पर नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में प्रशासन ने फौरन एक्शन लिया और बालकनियों से गमले हटाने की सलाह जारी कर दी।

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बालकनी की रेलिंग अब 'खतरे की परछाई' क्यों बन गई?
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बालकनी की रेलिंग अब 'खतरे की परछाई' क्यों बन गई?

नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एम लोकेश के मुताबिक, लोग लंबे समय से बालकनी की रेलिंग और दीवारों पर भारी सामान, गमले, एयर कंडीशनर आदि रख रहे हैं, जो कभी भी जानलेवा साबित हो सकते हैं। पुणे की घटना ने इस अनदेखे खतरे को सबके सामने ला दिया।

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बिना आदेश के ही सोसायटी में शुरू हुई कार्रवाई
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बिना आदेश के ही सोसायटी में शुरू हुई कार्रवाई

सेक्टर 122 की RWA उपाध्यक्ष स्वाति अग्रवाल ने बताया कि उन्हें कोई औपचारिक आदेश देने की जरूरत नहीं पड़ी। जब से नोएडा प्राधिकरण की सलाह आई, लोग स्वेच्छा से गमले और लटकते पौधे हटाने लगे। कुछ सोसायटियों ने तो निजी नोटिस भेजकर यह प्रक्रिया तेज कर दी।

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 गाजियाबाद और गुरुग्राम भी सतर्क, AOA एक्टिव
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गाजियाबाद और गुरुग्राम भी सतर्क, AOA एक्टिव

गाजियाबाद के डीएम ने AOA को आदेश दिया कि AC की बाहरी यूनिट्स सुरक्षित लगाई जाएं, बालकनी की रेलिंग की मरम्मत हो। वहीं, गुरुग्राम में भी RWA ने बिना आधिकारिक आदेश के, भीतरू तौर पर नोटिस जारी कर सुरक्षा उपाय शुरू कर दिए हैं।

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हरियाली का शौक या खतरे का सामान?
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हरियाली का शौक या खतरे का सामान?

नोएडा के कई निवासी इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं लेकिन कुछ पौधों के शौकीन लोग उलझन में हैं कि अब हरियाली कहां लाएं? छोटी सी बालकनी ही उनका एकमात्र विकल्प थी। इसने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—क्या हमारे शहरी डिज़ाइन इतने असुरक्षित हैं?

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नियम नहीं, जागरूकता बनी है हथियार
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नियम नहीं, जागरूकता बनी है हथियार

नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक, अभी तक इस पर कोई सख्त नियम नहीं है, क्योंकि अधिकांश निवासी खुद जागरूक होकर कदम उठा रहे हैं। लेकिन अगर स्थिति नहीं सुधरी, तो भविष्य में सख्त पेनल्टी और नियम लागू किए जा सकते हैं।

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शहरी डिज़ाइन में छिपी है असली कमी?
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शहरी डिज़ाइन में छिपी है असली कमी?

सेक्टर 74 के निवासी आरज़ो का कहना है कि असली समस्या गमले नहीं, बल्कि भारत में बिल्डिंग कोड और डिज़ाइन की कमज़ोरियां हैं। पश्चिमी देशों में बालकनी उपयोग पर स्पष्ट दिशा-निर्देश होते हैं, लेकिन यहां सब कुछ खुला और अनियंत्रित है।

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 बालकनियों में बदलता ट्रेंड, क्या ये एक नई शुरुआत है?
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बालकनियों में बदलता ट्रेंड, क्या ये एक नई शुरुआत है?

सेक्टर 100, 74, 71 और आम्रपाली जैसी बड़ी सोसायटियों में बालकनी ट्रेंड अचानक बदलने लगे हैं। अब लोग अधिक सुरक्षित विकल्प तलाश रहे हैं—जैसे इनडोर गार्डनिंग, दीवार पर लटकने वाले गमले, या विशेष प्लांट स्टैंड।

Surya Prakash Tripathi
About the Author
Surya Prakash Tripathi
सूर्य प्रकाश त्रिपाठी 19 फरवरी 2024 से एशियानेट न्यूज हिंदी में कार्यरत हैं। पत्रकारिता में परास्नातक की डिग्री हासिल की है। इसके अलावा डबल MA LLB की डिग्री हासिल की है। 20 जुलाई 2003 से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हूं। क्राइम, धर्म और राजनीति के साथ सामाजिक मुद्दों पर लिखने की रुचि है। बीते समय में हिंदी दैनिक आज, डेली न्यूज एक्टिविस्ट, अमर उजाला, दैनिक भास्कर डिजिटल (DB DIGITAL) जैसे मीडिया संस्थानों के लिए डेस्क और फील्ड रिपोर्टिंग कर चुके हैं। Read More...
यूपी समाचार
 
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