सार
Naimisharanya development projects: योगी सरकार के प्रयासों से नैमिषारण्य अब सिर्फ़ धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक प्रमुख पर्यटन केंद्र भी बन गया है। बढ़ती श्रद्धालु संख्या और विकास कार्य इस बदलाव की गवाही दे रहे हैं।
Naimisharanya dham development: जहां कभी केवल आस्था की गूंज सुनाई देती थी, अब वहां विकास की गूंज भी सुनाई दे रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नैमिषारण्य अब केवल एक धार्मिक तीर्थस्थल नहीं, बल्कि तेजी से उभरता पर्यटन और रोजगार केंद्र बन चुका है। 2017 में डेवलेपमेंट अथॉरिटी घोषित होने के बाद से इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे से लेकर आध्यात्मिक सुविधाओं तक, व्यापक बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा, नैमिषारण्य में उमड़ रही भीड़
बीते वर्षों में श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
- 84 कोसी परिक्रमा में संख्या 1.5 लाख से बढ़कर लगभग 5 लाख हो गई है।
- अमावस्या पर चक्रतीर्थ स्नान करने वालों की संख्या 2 लाख के पार पहुंच गई है।
- मौनी अमावस्या पर अब 3–4 लाख और गुरु पूर्णिमा पर 2–3 लाख श्रद्धालु आ रहे हैं।
- 2017 में जहां सालभर में 1 करोड़ श्रद्धालु आते थे, अब यह संख्या 2 करोड़ से अधिक हो चुकी है।
150 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्य: आस्था को मिले आधुनिकता के पंख
योगी सरकार द्वारा लगभग ₹150 करोड़ की लागत से कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स शुरू किए गए हैं:
- चक्रतीर्थ प्रवेश द्वार का निर्माण
- ₹972.92 लाख की लागत से कॉरिडोर एंट्रीवे
- ₹793.31 लाख से यात्रियों के लिए डॉर्मिटरी
- ₹996.41 लाख से हेलीपोर्ट और रोड कनेक्टिविटी
- ₹381.42 लाख से ध्रुव कुंड का सौंदर्यीकरण
- ₹96.88 लाख से बर्टाल (मिसरिख) के जंगलीनाथ मंदिर का विकास
- ₹2277.30 लाख से चक्रतीर्थ कुंड कॉम्प्लेक्स
- ₹906.60 लाख से एंट्रेंस प्लाजा
- ₹4763.08 लाख से सीतापुर लिंक रोड पर टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर और पार्किंग
दक्षिण भारत से भी बढ़ रही आस्था की भागीदारी
सोशल मीडिया प्रचार और दक्षिण भारतीय शैली के मंदिर निर्माण से अब दक्षिण भारत से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु नैमिषारण्य पहुंच रहे हैं। अयोध्या, काशी और मथुरा के साथ नैमिषारण्य को भी योगी सरकार ने धार्मिक पर्यटन का हॉटस्पॉट बना दिया है। ट्रैवल एजेंसियां भी इसे एक प्रमुख धार्मिक टूर डेस्टिनेशन के रूप में प्रमोट कर रही हैं।
धार्मिक विरासत के पुनरुत्थान की ओर: अधिकारियों और स्थानीय लोगों का भी सहयोग
सीतापुर के जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने कहा, “नैमिषारण्य की प्राचीन गरिमा को पुनः स्थापित करने की दिशा में लगातार कार्य किए जा रहे हैं। योगी जी की सोच धार्मिक पर्यटन को विश्व स्तर पर ले जाने की है। ”स्थानीय पुजारी प्रह्लाद बाबू दीक्षित ने कहा, “पहली बार किसी सरकार ने तीर्थस्थान को इतने बड़े स्तर पर महत्व दिया है। पहले की सरकारों ने केवल वादे किए, योगी जी ने विकास कर दिखाया।”
स्थानीय होटल व्यवसायी प्रशांत ठाकुर ने बताया, “पहले सिर्फ दक्षिण भारत से श्रद्धालु आते थे। अब उत्तर भारत से भी लोग आने लगे हैं। होटल, फूलवाले, ठेले वाले और ट्रैवल एजेंट – सभी को रोजगार मिल रहा है।”जहां एक ओर चक्रतीर्थ और 88,000 ऋषियों की तपोभूमि की आध्यात्मिक ऊर्जा है, वहीं दूसरी ओर योगी सरकार की योजनाएं इस भूमि को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं। नैमिषारण्य अब केवल श्रद्धा का नहीं, विकास और अवसरों का प्रतीक भी बन चुका है।
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