सार
Lucknow metro chowk vasant kunj: लखनऊ में ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर का काम तेज़ी से चल रहा है। वसंत कुंज से चौक तक मेट्रो का सपना जल्द होगा साकार, 4 साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट!
Lucknow metro east west corridor: क्या आपने कभी सोचा है कि लखनऊ के पुराने बाज़ार चौक से लेकर नए इलाकों जैसे वसंत कुंज तक मेट्रो से सफर हो? अब यह सपना जल्द ही हकीकत बनने वाला है। राजधानी लखनऊ में मेट्रो का जाल और विस्तार लेने जा रहा है। इस बार बारी है ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर की, जो शहर की नई रफ्तार और दिशा तय करेगा।
यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) ने ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पर काम तेज कर दिया है। वसंत कुंज से चौक तक सॉइल टेस्टिंग के नमूने लिए जा चुके हैं और लगभग 40% ग्राउंड लेवल वर्क पूरा भी हो चुका है। अब निर्माण के लिए पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (PIB) से इसी माह मंजूरी मिलने की संभावना है। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
डीपीआर और एनपीजी से मिल चुकी है हरी झंडी
इस रूट की डीटेल्ड प्रॉजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) ने भी इस परियोजना को हरी झंडी दिखा दी है। अब केवल PIB और केंद्रीय कैबिनेट की स्वीकृति का इंतजार है। UPMRC के एक अधिकारी के अनुसार, दिल्ली में इस माह होने वाली PIB बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा। अगर मंजूरी मिलती है तो जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे और निर्माण प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
4 साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट, पहले से चल रहा है ग्राउंडवर्क
भले ही कॉरिडोर को पूरा करने का अनुमान 6 साल का है, लेकिन UPMRC इसे 4 साल में पूरा करने की तैयारी में है। इसीलिए अब से ही ग्राउंडवर्क पर तेजी से काम किया जा रहा है। एक तकनीकी अधिकारी के अनुसार, निर्माण शुरू होने से पहले ग्राउंड वर्क में 6 से 10 महीने लगते हैं। यदि पहले से तैयारी पूरी हो तो निर्माण समय पर या उससे पहले पूरा हो सकता है। UPMRC ने इस काम में कानपुर और आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट के एक्सपर्ट्स की मदद ली है। करीब 1.5 करोड़ रुपये की लागत से यह काम किया जा रहा है जिसमें सॉइल टेस्टिंग, टोपोग्राफी और यूटिलिटी डायवर्जन शामिल हैं।
ग्राउंड वर्क के अहम हिस्से:
- टोपोग्राफी: एरियल सर्वे द्वारा निर्माण में आने वाली ऊपरी बाधाओं की पहचान।
- यूटिलिटी डायवर्जन: सीवर, पानी और बिजली लाइनों की लोकेशन का विश्लेषण।
- सॉइल टेस्टिंग: वसंत कुंज से चौक तक मिट्टी के सैंपल का लैब टेस्ट।
नए ईस्ट-वेस्ट रूट की खास बातें:
विशेषता | विवरण |
कुल लंबाई | 11.165 किमी |
एलिवेटेड सेक्शन | 4.286 किमी |
अंडरग्राउंड सेक्शन | 6.879 किमी |
अनुमानित लागत | ₹5,801 करोड़ |
कुल स्टेशन | 12 स्टेशन (7 अंडरग्राउंड + 5 एलिवेटेड) |
इंटरचेंज स्टेशन | चारबाग (नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर से लिंक) |
Lucknow Metro के बनने वाले स्टेशनों की सूची भी देखिये :
- अंडरग्राउंड स्टेशन:चारबाग, गौतमबुद्ध मार्ग, अमीनाबाद, पांडेयगंज, सिटी रेलवे स्टेशन, मेडिकल चौराहा, चौक
- एलिवेटेड स्टेशन: ठाकुरगंज, बालागंज, सरफराजगंज, मूसाबाग, वसंत कुंज
लखनऊ की लाइफलाइन बनने जा रहा है नया मेट्रो कॉरिडोर
ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर न सिर्फ लखनऊ की ट्रैफिक समस्याओं को कम करेगा बल्कि शहर की गति और विकास को भी नया आयाम देगा। चारबाग इंटरचेंज स्टेशन के रूप में काम करेगा जिससे नॉर्थ-साउथ और ईस्ट-वेस्ट दोनों रूट एक-दूसरे से कनेक्ट हो जाएंगे।
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