Ghaziabad municipal corporation expansion: गाज़ियाबाद में खोड़ा, मुरादनगर, और लोनी अब ग्रेटर गाज़ियाबाद का हिस्सा बनेंगे। इससे विकास को गति तो मिलेगी, लेकिन टैक्स बढ़ने की भी आशंका है। क्या यह जनता के लिए फायदेमंद होगा या नुकसानदेह?

Greater Ghaziabad development plan: गाजियाबाद को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बड़ी घोषणा से तीन अहम क्षेत्रों - खोड़ा, मुरादनगर और लोनी -के विकास की राहें खुल गई हैं। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार, इन तीनों नगर पालिका क्षेत्रों को गाजियाबाद नगर निगम में शामिल किया जाएगा और एक नया नाम सामने आएगा - ग्रेटर गाजियाबाद।

अब ये क्षेत्र भी महानगर के दायरे में आ जाएंगे, जिससे न सिर्फ विकास कार्यों को गति मिलेगी, बल्कि बजट, संसाधनों और योजनाओं में भी भारी बढ़ोतरी देखी जाएगी।

क्यों होगा इससे फायदा?

गाजियाबाद नगर निगम के तहत अब तक सभी वॉर्डों में एक समान विकास कार्य होते हैं। नगर पालिकाओं की तुलना में निगम की योजनाएं और बजट अधिक प्रभावी होते हैं। अभी जहां एक निगम वॉर्ड में 25,000 वोटर होते हैं, वहीं पालिका क्षेत्र में केवल 7,000 वोटर प्रति वॉर्ड होते हैं। इससे स्पष्ट है कि योजनाएं पालिका क्षेत्रों में छोटे स्तर पर रुक जाती थीं। ग्रेटर गाजियाबाद बनने के बाद वॉर्डों की संख्या 100 से बढ़कर 214 हो जाएगी और हर क्षेत्र को विकास के समान अवसर मिल सकेंगे।

मेयर सुनीता दयाल ने कहा - मुंबई जैसी विकास की रफ्तार मिलेगी

गाजियाबाद नगर निगम की मेयर सुनीता दयाल ने मुख्यमंत्री के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे मुंबई की तर्ज पर तेजी से विकास संभव होगा। मेयर ने कहा, "निगम में सभी वॉर्डों को समान सुविधाएं और योजनाएं मिलती हैं, ऐसे में नए जोड़े गए क्षेत्रों को सबसे अधिक फायदा मिलेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि योगी सरकार विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और यह फैसला उसी दिशा में एक मजबूत कदम है।

कांग्रेस ने किया विरोध, कहा- टैक्स की मार पड़ेगी

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के महासचिव बिजेंद्र यादव ने इस फैसले को “हास्यास्पद” बताते हुए कहा कि गाजियाबाद निगम में हाउस टैक्स के नाम पर पहले से ही लूट मची है। उन्होंने आरोप लगाया कि अब सरकार इन तीन नए क्षेत्रों पर भी अतिरिक्त टैक्स थोपने की तैयारी में है। कांग्रेस ने इसे जनता के लिए घाटे का सौदा बताया है।

नगरपालिका अध्यक्ष छम्मी चौधरी का कहना है कि निगम में शामिल होने से सामान्य जनता पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा और विकास कार्य प्रभावित हो सकते हैं। वहीं, बीजेपी से अध्यक्ष पद की पूर्व प्रत्याशी रमा अग्रवाल ने मुख्यमंत्री के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे विकास के रास्ते खुलेंगे और सुविधाएं बढ़ेंगी।

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खोड़ा: उम्मीद और सवाल दोनों

खोड़ा नगर पालिका की मौजूदा चेयरपर्सन मोहिनी शर्मा ने सवाल उठाया कि विकास अगर करवाना ही था तो इतने वर्षों में क्यों नहीं कराया गया? उन्होंने कहा कि "गंगाजल जैसी योजनाएं तो अब तक पूरी नहीं हुईं, तो अब किस भरोसे पर उम्मीद करें?" हालांकि, पूर्व चेयरपर्सन रीना भाटी ने इसे विकास की दिशा में सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा कि निगम में शामिल होने से खोड़ा को भी शहरों जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी।

लोनी की निगाहें भी फैसले पर टिकीं

लोनी में भी इस फैसले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ इसे विकास का जरिया मान रहे हैं तो कुछ इसे राजनीतिक फायदे का खेल बता रहे हैं। लेकिन एक बात तय है, नगर निगम में शामिल होने से इन क्षेत्रों में सड़क, पानी, सीवर, कचरा प्रबंधन जैसे बुनियादी कार्यों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

ग्रेटर गाजियाबाद, सिर्फ नाम नहीं, बदलाव की नई कहानी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस कदम ने गाजियाबाद और उसके आसपास के क्षेत्रों के लिए नए युग की शुरुआत का संकेत दे दिया है। अब देखना यह होगा कि ग्रेटर गाजियाबाद का सपना वास्तविक विकास में कितना और कैसे तब्दील होता है, और क्या यह वाकई में मुंबई की तरह तेज़ और समावेशी विकास का मॉडल बन पाता है या नहीं।

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