MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • खेल
  • फोटो
  • गेम्स
  • वीडियो
  • वायरल
  • Home
  • States
  • Uttar Pradesh
  • काशी में किन 5 तरह के शवों का नहीं होता दाह संस्कार? चौंकाने वाली है वजह

काशी में किन 5 तरह के शवों का नहीं होता दाह संस्कार? चौंकाने वाली है वजह

काशी में कुछ विशेष लोगों का दाह संस्कार नहीं होता! गर्भवती महिलाएं, साधु, बच्चे और सांप काटने से मरे लोगों के शवों का अंतिम संस्कार अलग तरीके से होता है। जानिए क्या हैं इसके पीछे के रहस्य!

2 Min read
Rohan Salodkar
Published : Apr 14 2025, 07:44 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • Google NewsFollow Us
15
गर्भवती महिलाओं को भी काशी में दाह संस्कार नहीं किया जाता है. माना जाता है कि गर्भवती महिलाओं के शरीर को जलाने से पेट फूल जाता है और चिता में पेट फटने की स्थिति बन सकती है.
25
काशी में साधुओं के शवों को जलाया नहीं जाता है. उनके शवों को पानी में छोड़ दिया जाता है या दफना दिया जाता है. काशी में छोटे बच्चों के शवों को भी जलाना मना है. एक बच्चा बारह साल से कम उम्र का है, तो उसे दहन नहीं करते।

Related Articles

किस मंदिर के पुजारी को मिलती है सबसे तगड़ी सैलरी? एक नंबर पर काशी विश्वनाथ
किस मंदिर के पुजारी को मिलती है सबसे तगड़ी सैलरी? एक नंबर पर काशी विश्वनाथ
काशी में मोदी: विकास की नई गाथा! क्या बदला, क्या है खास?
काशी में मोदी: विकास की नई गाथा! क्या बदला, क्या है खास?
35
सांप काटने से मरे लोगों के शवों का काशी में दाह संस्कार नहीं किया जाता है. कहा जाता है कि सांप काटने से मरे लोगों का दिमाग 21 दिनों तक जीवित रहता है. ऐसे में, उनके शव को केले के तने में बांधकर पानी में तैरने के लिए छोड़ दिया जाता है.
45
त्वचा रोग या कुष्ठ रोग से पीड़ित रोगी की मृत्यु हो जाने पर भी, उसके शव का काशी में दाह संस्कार नहीं किया जाता है. कहा जाता है कि उनके शवों को जलाने से रोग के बैक्टीरिया हवा में फैल जाते हैं, और अन्य लोग भी इस रोग के शिकार हो सकते हैं.
55
शीतला माता के प्रकोप से मरे लोगों के शवों का भी दाह संस्कार नहीं किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि उन शवों को मां देवी ने स्वयं ले लिया है, इसलिए उन्हें जलाया नहीं जाता है.

About the Author

RS
Rohan Salodkar
रोहन सालोडकर। मीडिया में 13 साल से ज्यादा का अनुभव। 2019 से एशियानेट न्यूज हिंदी में कार्यरत हैं। करियर की शुरुआत इन्होंने लोकमत न्यूज़ पेपर, मुंबई से की। दैनिक भास्कर, भोपाल में भी ये सेवाएं दे चुके हैं, यहां पर इन्होंने डिजिटल न्यूज़, सोशल मीडिया, वीडियोज के लिए ग्राफिक्स डिज़ाइन का काम किया। ग्राफ़िक डिजाइनिंग के साथ कंटेंट ऑपरेशन्स, सुपरविजन, राइटिंग और वीडियो एडिटिंग में भी इनका हाथ मजबूत है। इन्होंने B.Com टैक्सेशन किया हुआ है।
 
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Andriod_icon
  • IOS_icon
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved