Ayodhya ram mandir inauguration: अयोध्या में राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना और सात अन्य मंदिरों में देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य अनुष्ठान शुरू। गंगा दशहरा पर होगा मुख्य समारोह।
Ram mandir prana pratishtha ceremony: अयोध्या की पावन भूमि एक बार फिर वेद मंत्रों की गूंज और आस्था की अग्नि से प्रज्वलित हो रही है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में द्वितीय प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का शुभारंभ हो चुका है, जिसमें प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना और सात अन्य मंदिरों में देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। यह अनुष्ठान 5 जून को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर अपने शिखर पर पहुंचेगा।
कलश यात्रा और प्रायश्चित पूजन से शुरू हुआ वैदिक अनुष्ठान
सोमवार को मंदिर परिसर में कलश यात्रा निकाली गई, जिसके साथ ही यज्ञ मंडप के सामने प्रायश्चित पूजन हुआ। यह पूजन करीब ढाई घंटे तक चला। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, किसी भी दिव्य अनुष्ठान से पहले आत्मा और स्थान की शुद्धि आवश्यक मानी जाती है। इसी क्रम में मूर्तियों का पंचगव्य से स्नान कराकर उनसे क्षमा याचना की गई, क्योंकि उन्हें छेनी और हथौड़े से तराशा गया है।
देशभर से आए विद्वान आचार्य कर रहे हैं पूजन
अनुष्ठान का संचालन वाराणसी के आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी, दिल्ली के चंद्रभानु शर्मा, बस्ती के अमरनाथ ब्रह्मा और अयोध्या के आचार्य प्रवीण शर्मा तथा इंद्रदेव मिश्र कर रहे हैं। आचार्य प्रवीण शर्मा ने बताया कि यह प्रायश्चित कर्म किसी भी वैदिक अनुष्ठान का अनिवार्य हिस्सा है। मुख्य यजमान डॉ. अनिल मिश्रा का भी शुद्धिकरण कराया गया, जिन्हें अब पांच जून तक विशेष नियमों का पालन करना होगा।
तीन और चार जून को होगा विशेष मंत्रोच्चारण और यज्ञ
तीन और चार जून को प्रतिदिन सुबह 6:30 बजे से 12 घंटे तक यज्ञ और मंत्रोच्चारण होगा। 1975 वैदिक मंत्रों के साथ अग्नि देवता को आहुति दी जाएगी। रामरक्षा स्तोत्र, हनुमान चालीसा और अन्य भक्ति गीतों का संगीतमय पाठ भी इस दौरान किया जाएगा।
गंगा दशहरा पर होगा मुख्य समारोह, स्थापित होगा राम दरबार
मुख्य समारोह 5 जून को आयोजित किया जाएगा। इस दिन श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके साथ ही मंदिर के प्रथम तल पर बनाए गए सात अन्य देवालयों में भी देव विग्रहों की स्थापना की जाएगी।
अयोध्या में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, गूंजे जय श्रीराम के नारे
पूरे अयोध्या में इस अवसर पर दिव्यता और श्रद्धा का माहौल बना हुआ है। श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं और मंदिर परिसर में भक्ति व उत्साह का संचार हो रहा है। यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी ऐतिहासिक बन गया है।
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