Jhalawar School Accident Today: राजस्थान के एक स्कूल में अचानक छत गिरी और 7 मासूमों की मौत हो गई। मातम के बीच उठे सियासी तूफान ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। क्या ये हादसा था या लापरवाही की कीमत? जानिए दिल दहलाने वाली पूरी सच्चाई।

Rajasthan school building collapse 2025: राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव में शुक्रवार की सुबह एक सामान्य दिन की तरह शुरू हुई, लेकिन चंद घंटों बाद एक भयानक त्रासदी ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया। गांव के सरकारी स्कूल की जर्जर छत अचानक भरभराकर गिर गई, जिससे 7 मासूम बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई और 28 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए।। चीख-पुकार से गांव गूंज उठा, और एक पल में शिक्षा का मंदिर मातम का घर बन गया।

 

Scroll to load tweet…

 

जर्जर इमारत की अनदेखी या प्रशासनिक हत्या? 

स्थानीय लोगों और कांग्रेस नेताओं का दावा है कि स्कूल की बिल्डिंग काफी समय से जर्जर स्थिति में थी। बार-बार शिकायतों के बावजूद किसी ने सुध नहीं ली। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सवाल उठाया- “हर तीन महीने में स्कूलों की हालत की रिपोर्ट बनती है, तो फिर इस बिल्डिंग में बच्चों को क्यों बैठाया गया?” क्या यह सिर्फ हादसा था या प्रशासनिक लापरवाही से हुआ कत्लेआम?

 

Scroll to load tweet…

 

भवन गिरने का कारण बना सरकारी लापरवाही या भाग्य का खेल? 

स्थानीय लोगों और कांग्रेस नेताओं का कहना है कि स्कूल भवन पहले से ही जर्जर हालत में था, बावजूद इसके उसमें पढ़ाई जारी थी। ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन को इसकी शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

PM मोदी ने झालवाड़ घटना पर जताया दुख

राजस्थान के झालावाड़ स्थित एक स्कूल में हुई दुर्घटना दुखद और बेहद दुखद है। इस कठिन घड़ी में मेरी संवेदनाएँ प्रभावित छात्रों और उनके परिवारों के साथ हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। अधिकारी घायलों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं

 

Scroll to load tweet…

 

शिक्षा मंत्री बोले- दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई 

राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर मौके पर पहुंचे और हादसे पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद दी जाएगी और सभी घायलों का इलाज सरकारी खर्चे पर होगा। साथ ही भवन गिरने की उच्चस्तरीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

 

Scroll to load tweet…

 

सत्ता बनाम विपक्ष: हादसे पर गरमाई राजनीति 

घटना के तुरंत बाद राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे और सरकारी खर्च पर इलाज तथा मुआवजे का वादा किया। वहीं, कांग्रेस ने इस हादसे के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मंत्री से इस्तीफे की मांग की। विपक्ष और सत्ता के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, लेकिन सवाल अब भी खड़ा है – क्या मासूमों की मौत की जवाबदेही तय होगी?

नम आंखों से विदाई, राजनीति से सवाल-क्या कोई सुनेगा इन माओं की चीखें? 

जिन हाथों में किताबें होनी चाहिए थीं, उन पर अब सफेद चादरें पड़ी हैं। grieving माताएं अपने जिगर के टुकड़ों के लिए रो रही हैं और सत्ता के गलियारों में सिर्फ बयानबाज़ी हो रही है। क्या कभी ऐसा दिन आएगा जब शिक्षा का मंदिर वाकई सुरक्षित होगा?