rajasthan government college admission date extended : राजस्थान के 2.68 लाख छात्रों के लिए खुशखबरी है, सरकार ने शासकीय कॉलेज में एडमिशन के लिए दाखिले की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। छात्र https://dceapp.rajasthan.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। 

rajasthan government college admission date extended : राजस्थान के राजकीय महाविद्यालयों में स्नातक प्रथम वर्ष (सेमेस्टर-1) में दाखिला लेने के इच्छुक छात्रों के लिए राहत भरी खबर है। कॉलेज शिक्षा विभाग ने आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाकर अब 3 जुलाई 2025 कर दी है। पहले यह तिथि 25 जून निर्धारित थी। विभाग के आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश बैरवा ने इस संबंध में आधिकारिक घोषणा की है। डॉ. बैरवा के अनुसार, प्रदेशभर के सरकारी कॉलेजों में प्रथम सेमेस्टर के लिए 2,68,142 सीटें उपलब्ध हैं। छात्र इन सीटों के लिए अब 3 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन पोर्टल https://dceapp.rajasthan.gov.in पर जारी है।

क्या है सरकारी कॉलेल में एडमिसन की प्रक्रिया?

 कॉलेजों द्वारा आवेदन पत्रों का सत्यापन 5 जुलाई 2025 तक किया जाएगा। प्रथम अस्थाई मेरिट लिस्ट: 7 जुलाई को जारी की जाएगी। दस्तावेज सत्यापन और फीस जमा: चयनित विद्यार्थियों को 11 जुलाई 2025 तक अपने दस्तावेज़ों का सत्यापन कराना होगा और ई-मित्र या SSO ID से फीस जमा करानी होगी। प्रवेशित छात्रों की सूची: 14 जुलाई को वेबसाइट पर जारी होगी। विषय व वर्ग आवंटन: 15 जुलाई को किया जाएगा। क्लास की शुरुआत: शिक्षण सत्र की शुरुआत 16 जुलाई 2025, बुधवार से होगी।

सरकारी कॉलेज के एडमिशन के लिए छात्र कैसे करें ?

 विद्यार्थी घर बैठे ई-मित्र या अपनी SSO ID के माध्यम से किसी भी सरकारी कॉलेज में आवेदन कर सकते हैं। जिन छात्रों ने राजस्थान बोर्ड से पिछले तीन वर्षों में परीक्षा उत्तीर्ण की है, उन्हें आवेदन के समय अंकतालिका अपलोड करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उनका डेटा जनआधार से स्वतः प्राप्त हो जाएगा। तृतीय व पंचम सेमेस्टर के लिए भी प्रक्रिया शुरू स्नातक तृतीय एवं पंचम सेमेस्टर और स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर / उत्तरार्द्ध में प्रवेश के लिए 23 जून से प्रवेश नवीनीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इन कक्षाओं का शिक्षण कार्य 1 जुलाई से प्रारंभ होगा।

यह मौका हाथ से ना जाने दें छात्र?

विभाग ने विद्यार्थियों से आग्रह किया है कि वे अंतिम तिथि का इंतजार न करें और समय रहते आवेदन करें, ताकि तकनीकी समस्याओं से बचा जा सके।