सार

national siblings day 2025 : आज राष्ट्रीय भाई बहन दिवस है। इस मौके पर जानिए राजस्थान की पांच ऐसी कामयाब बहनों के बारे में, जो पांच की पांच बड़ी अफसर हैं। जबकि उनके पिता एक आठवीं फेल किसान हैं।

 

जयपुर. आज नेशनल सिब्लिंग्स डे है। सिब्लिंग्स डे का मतलब भाई-बहन का दिन। भाई और बहन का दिन हो और राजस्थान के हनुमानगढ़ के सहदेव शरण की पांच बेटियों का जिक्र नहीं हो ऐसा कभी हो नहीं सकता। यह पांचों बहनें RAS ऑफिसर ऑफिसर है। आज नेशनल सिब्लिंग्स डे पर बात इन्हीं पांच बहनों की।

हनुमानगढ़ जिले के छोटे से गांव में जन्मीं पांचों बहनें

हनुमानगढ़ जिले में स्थित भैरूसरी गांव, जहां के रहने वाले किसान सहदेव शरण कीपांच बेटियां रोमा,मंजू,अंशु,ऋतु और सुमन है। सहदेव खुद खेती का काम करते लेकिन अपनी बेटियों को अच्छे से अच्छे शिक्षा दी। सबसे पहले साल 2010 में बड़ी बेटी रोमा ने RAS की परीक्षा पास की। जो फिलहाल झुंझुनू जिले में ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर के पद पर अपनी सेवाएं दे रही है। वहीं बेटी मंजू ने 2017 में एग्जाम पास किया जो हनुमानगढ़ के कॉर्पोरेट डिपार्टमेंट में नौकरी कर रही है।

तीन बहनों ने एक साथ पास की RAS परीक्षा

हाल ही में जारी हुए RAS परीक्षा परिणाम में बची हुई तीन बहन अंशु,ऋतु और सुमन ने भी एग्जाम पास कर लिया है। बड़ी बहनों के बाद अब छोटी तीन बहनों की नौकरी लगने के चलते गांव में दिवाली सा माहौल है। तीनों बहनें ही टॉप 100 रैंक में शामिल है। इनमें ऋतु सबसे छोटी है।

रोमा और मंजू बनी बाकी के लिए उदाहरण

तीनों बताती है कि बड़ी बहन रोमा और मंजू से मोटिवेट होकर ही उन्होंने परीक्षा की तैयारी करना शुरू किया। जिसके बाद अब उन्हें सफलता मिली है। उनकी इस सफलता में बहनों के अलावा सबसे बड़ा श्रेय दोनों पिता का है। दोनों बहनों ने नौकरी करने के बावजूद भी तीनों छोटी बहनों का ध्यान रखा और उनकी पढ़ाई में भी मदद की।

पिता को बेटियों के नाम से पहचानते हैं लोग

वहीं इनके पिता किसान सहदेव का कहना है कि हमेशा से चाहता था कि बेटियां अच्छी शिक्षा ग्रहण करें। आज बेटियां इस मुकाम तक पहुंच चुकी है तो लगता है कि जीवन में जो लक्ष्य निश्चित किया था वह अब पूरा हो चुका है। आज बेटियों की कामयाबी की वजह से मुझे पहचाना जाता है।