सार

कलपित वीरवाल ने JEE Main में 360/360 अंक लाकर इतिहास रचा। बिना कोचिंग के, उन्होंने आत्मविश्वास और निरंतर अभ्यास से सफलता पाई। आज वे युवाओं के लिए प्रेरणा हैं।

कोटा. राजस्थान के उदयपुर से ताल्लुक रखने वाले कलपित वीरवाल ने साल 2017 में ऐसा इतिहास रचा, जो आज भी लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा बना हुआ है। उन्होंने JEE Main में 360 में से पूरे 360 अंक हासिल कर देशभर में पहला ऐसा रिकॉर्ड कायम किया, जो आज तक कोई नहीं तोड़ पाया। इस उपलब्धि के लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ।

पिता  कंपाउंडर और मां है टीचर

कलपित का सफर किसी कोचिंग हब या महंगे संसाधनों से नहीं, बल्कि अपने शहर, आत्मविश्वास और निरंतर अभ्यास से शुरू हुआ। उनके पिता एक सरकारी अस्पताल में कंपाउंडर थे और मां सरकारी स्कूल में शिक्षिका। सीमित साधनों के बावजूद, परिवार ने शिक्षा को प्राथमिकता दी और कलपित ने उसी पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित किया। जहां कई छात्र कोटा जाकर दिन-रात की पढ़ाई में जुट जाते हैं, वहीं कलपित ने खुद को 16 घंटे की पढ़ाई के मिथक से दूर रखा। उन्होंने बताया कि रोज़ाना सीमित लेकिन फोकस्ड स्टडी ही उनकी सफलता की कुंजी रही। वे NTSE और KVPY जैसे प्रतियोगी स्कॉलरशिप भी जीत चुके थे।

आईआईटी बॉम्बे में दाखिले के बाद भी नहीं की पढ़ाई

आईआईटी बॉम्बे में दाखिले के बाद उन्होंने सिर्फ पढ़ाई नहीं की, बल्कि यूट्यूब चैनल शुरू कर लाखों छात्रों तक अपनी रणनीति पहुंचाई। बाद में उन्होंने 'AcadBoost' नामक ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म की शुरुआत की, जो जल्द ही सफल हो गया। उन्होंने प्लेसमेंट्स में हिस्सा लेने के बजाय खुद का बिज़नेस चुना।

कलपित वीरवाल की कहानी है प्रेरणादायक

आज कलपित न केवल एक सफल उद्यमी हैं, बल्कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और संतुलित जीवन को लेकर भी खुलकर बोलते हैं। उन्होंने बार-बार कहा है कि "सिर्फ पढ़ाई ही सब कुछ नहीं होती, संतुलन ज़रूरी है।" कलपित वीरवाल की कहानी हमें सिखाती है कि सफलता के लिए महंगे साधन नहीं, बल्कि स्पष्ट लक्ष्य, आत्मनिर्भरता और धैर्य चाहिए।