Mehandipur Balaji: प्रेत बाधा या मानसिक भ्रम? मंदिर दर्शन से पहले विवाहिता ने अचानक गंदे नाले में लगाई छलांग! दो घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने बचाई जान… क्या यह आत्मिक संकट था या कुछ और? गांव में फैली दहशत और सवालों की लहर!

Mehandipur Balaji incident: राजस्थान के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मेहंदीपुर बालाजी में रविवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसने श्रद्धालुओं में हड़कंप मचा दिया। प्रेत बाधा से पीड़ित एक विवाहिता ने गंदे नाले में छलांग लगा दी। हालांकि मौके पर मौजूद लोगों की सूचना और पुलिस की तत्परता से उसकी जान बचा ली गई।

मंदिर दर्शन को निकली थी महिला, अचानक नाले में कूदी 

घटना सुबह उस समय हुई जब कलावती पत्नी रामवीर, निवासी बिरेठी, मासलपुर अपने पति और भाई के साथ मंदिर के दर्शन को जा रही थी। बताया गया कि वह कुछ दिनों से प्रेत बाधा से पीड़ित है और उसी का इलाज कराने के लिए बालाजी धाम आई थी। मंदिर से कुछ दूरी पर महिला ने अचानक नियंत्रण खो दिया और सीवर नाले में कूद गई।

दो घंटे चला रेस्क्यू, दलदल से निकाली गई महिला 

स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। बालाजी चौकी प्रभारी सुगन सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। चूंकि नाला दलदली और गंदा था, इसलिए महिला को बाहर निकालना आसान नहीं था। पुलिस ने महिला के भाई को रस्सी के सहारे नीचे उतारा और करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद महिला को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना 

यह वही नाला है, जिसमें बालाजी क्षेत्र की धर्मशालाओं, होटलों और आश्रमों का गंदा पानी आता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, तीन साल पहले भी एक युवती का शव इसी नाले से मिला था, जो प्रेत बाधा से पीड़ित बताई गई थी।

मेहंदीपुर बालाजी – प्रेत बाधा से मुक्ति का तीर्थ 

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर हनुमान जी के बाल रूप, भैरव बाबा और प्रेतराज सरकार की उपासना के लिए प्रसिद्ध है। यहां देशभर से ऐसे लोग आते हैं, जो मानसिक, आत्मिक या रहस्यमयी रोगों से पीड़ित होते हैं। हालांकि ऐसे मामलों से अंधविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य के विषय में बहस खड़ी हो जाती है।

प्रशासन की तत्परता से बची जान, लेकिन सवाल कायम 

पुलिस व प्रशासन की तत्परता से एक महिला की जान बच गई, लेकिन इस घटना ने फिर एक बार धार्मिक उपचार बनाम वैज्ञानिक सोच के बीच की खाई को उजागर कर दिया है।