सार

fraud in beti bachao beti padhao yojana : 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के नाम पर बड़ा फ्रॉड! 93000 लोगों से 5 करोड़ से ज़्यादा की ठगी। पुलिस ने एमपी-राजस्थान से आरोपियों को पकड़ा।

 बालाघाट/जयपुर. मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले (balaghat district) में वारासिवनी थाना पुलिस ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ (beti bachao beti padhao yojana) योजना की आड़ में करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में जयपुर और बालाघाट के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि इस गिरोह ने 93,000 लोगों को ठगकर करीब 5.11 करोड़ रुपये हड़प लिए।

'पे टू पे सोशल फाउंडेशन संस्था से किया करोड़ों की ठगी

योजना के नाम पर झांसा, चेन सिस्टम से ठगी पुलिस के अनुसार, ठगी का यह रैकेट 'पे टू पे सोशल फाउंडेशन' (Pay to Pay Social Foundation')नामक संस्था के जरिए चलाया जा रहा था। आरोपियों ने लोगों को बेटी की शादी में एक लाख रुपये की सहायता देने का झांसा देकर इस फर्जी योजना से जोड़ा। चेन सिस्टम के तहत हर व्यक्ति से 550 रुपये जमा करवाए जाते थे, जिसमें से 40 रुपये उन्हें नए सदस्य जोड़ने पर मिलते थे। इस तरह, 17 स्तर तक चेन बनाने पर करोड़ों रुपये तक का मुनाफा देने का लालच दिया जाता था।

एक महिला ने खोल दी मास्टरमाइंड की पोल

फर्जीवाड़े का ऐसे हुआ खुलासा वारासिवनी निवासी फूलमारी नामक महिला ने इस धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी प्रभुदयाल शर्मा (फाउंडेशन अध्यक्ष), महिपाल सिंह शेखावत (सीनियर मेंबर), कैलाश जांगिड़ (जयपुर निवासी), शंकर परिहार (बालाघाट) और हरीश मिश्रा (वारासिवनी) इस ठगी में शामिल थे। ये सभी लोगों को सरकारी योजना का झांसा देकर ठगी कर रहे थे।

बैंक ट्रांजेक्शन डिटेल्स, फर्जी वेबसाइट के रिकॉर्ड हुए सील

सबूत जब्त, जांच जारी पुलिस ने छापेमारी के दौरान रसीदें, बैंक ट्रांजेक्शन डिटेल्स, फर्जी वेबसाइट के रिकॉर्ड, लॉगिन आईडी और पासवर्ड जब्त किए हैं। इस घोटाले में अन्य लोगों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। पुलिस ने जयपुर के कैलाश और महिपाल सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य की गिरफ्तारी की संभावना जताई है।

राजस्थान -एमपी पुलिस ने की जनता से एक अपील

पुलिस की अपील पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी अनजान संस्था या चेन सिस्टम में पैसे लगाने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें। सरकारी योजनाओं की जानकारी केवल आधिकारिक सरकारी पोर्टल या अधिकृत एजेंसियों से ही लें। यदि किसी को ऐसी किसी ठगी की जानकारी मिले, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।