सार

shivraj singh chauhan son wedding : कैर-सांगरी, राजस्थान की पारंपरिक सब्जी, अब शिवराज के बेटे की शादी में भी खास मेहमान! कच्ची ₹300 तो सूखी ₹3000 प्रति किलो बिकने वाली ये सब्जी, सेहत का खजाना भी है।

जोधपुर. केंद्रीय मंत्री शिवराज चौहान (shivraj singh chauhan) अपने परिवार के साथ बड़े बेटे की शादी में शामिल होने के लिए जोधपुर के उम्मेद पैलेस पहुंच चुके हैं। इस शाही शादी में कई VVIP मेहमान देशभर से पहुंचेंगे। जिनके लिए खास राजस्थानी देसी पकवानों को तैयार किया जा रहा है। रॉयल वेडिंग के मेन्यू में कई व्यंजन होंगे। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा कैर-सांगरी सब्जी की हो रही है। जिसका स्वाद और महत्व सबसे खास है। यह सिर्फ एक सब्जी नहीं, बल्कि मरुस्थलीय जीवनशैली की अमूल्य धरोहर भी है। हाल के वर्षों में बढ़ती जैविक खाद्य पदार्थों की मांग के कारण कैर-सांगरी को देशभर में पसंद किया जाने लगा है। अगर इसकी कीमत की बात की जाए तो यह कच्ची होने पर 300 रुपए में बिकती है तो वहीं सूखने पर सका भाव 3 हजार रुपए किलो से ज्यादा होता है।

रेगिस्तानी जलवायु में जीवित रहता यह इसका पौधा

प्राकृतिक उपहार और पारंपरिक स्वाद कैर एक झाड़ीदार पौधा होता है, जबकि सांगरी खेजड़ी के पेड़ से प्राप्त होती है। ये दोनों ही रेगिस्तानी जलवायु में बिना सिंचाई के केवल बारिश के पानी पर जीवित रहते हैं। इन्हें सुखाकर सालभर इस्तेमाल किया जाता है, जिससे इनका स्वाद और भी निखर जाता है। पारंपरिक रूप से इसे राजस्थान के हर घर में विशेष अवसरों और त्योहारों पर पकाया जाता है।

फायदे में तो यह सब्जी है वरदान

स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद आज के दौर में जहां रासायनिक खादों का अंधाधुंध उपयोग बढ़ रहा है, वहीं कैर-सांगरी पूरी तरह जैविक और प्राकृतिक होती है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन ए, आयरन, कैल्शियम और फाइबर होता है, जो इसे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद बनाता है। यह पाचन को मजबूत करने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं।

300 से 3 हजार तक में एक किलो आती यह सब्जी

बढ़ती मांग और कीमतें कभी ग्रामीण इलाकों में मुफ्त में मिलने वाली कैर-सांगरी अब महंगे दामों में बिकने लगी है। सबसे बड़ी बात यह है कच्ची केर सांगरी करीब ₹300 किलो तक होती है और सूखने के बाद इसकी कीमत 10 गुना तक बढ़ जाती है। सूखी कैर-सांगरी की कीमत तो ₹3000 प्रति किलो तक जाती है, जो इसे एक लाभकारी व्यापारिक उत्पाद भी बना रही है।

राजस्थान से यह सब्जी अंतरराष्ट्रीय बाजार में जाती

नया बाजार और निर्यात की संभावनाएं राजस्थान में कैर-सांगरी की बढ़ती मांग ने इसे अब अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचा दिया है। बड़े शहरों के अलावा यह अब दुबई, अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में भी निर्यात की जा रही है। जैविक खाद्य पदार्थों की बढ़ती लोकप्रियता इसे वैश्विक बाजार में नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है। सरकार इसे GI टैग देने की तैयारी कर रही है

यह सब्जी राजस्थान की संस्कृति का अहम हिस्सा

सिंचित खेती बढ़ने से कैर और सांगरी के प्राकृतिक स्रोतों में कमी आ रही है। कैर-सांगरी सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि राजस्थान की संस्कृति और परंपरा का अहम हिस्सा है। बदलते दौर में इसकी मांग और महत्व दोनों बढ़ रहे हैं, जिससे यह न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बल्कि आर्थिक रूप से भी फायदेमंद साबित हो रही है।