सार
जोधपुर. (राजस्थान). जोधपुर जिले के लूणी थाना क्षेत्र के मोकलासनी गांव में हाल ही में हुई एक बड़ी चोरी का पुलिस ने पर्दाफाश किया है, जिसमें घर की बेटी हेमा की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आई है। पुलिस ने पहले हेमा के मंगेतर जितेंद्र और उसके साथी अभिषेक को गिरफ्तार किया था। फिर पूछताछ के बाद हेमा को भी अरेस्ट कर लिया। वहीं पुलिस ने करीब 40 लाख रुपये का सोना और 1.68 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं।
दुल्हन के पिता ने सुनाई सोने से भरी तिजोरी की कहानी
एडीसीपी निशांत भारद्वाज के अनुसार 21 नवम्बर को प्रधानराम खींचड़ ने लूणी थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई। प्रधानराम अपने परिवार के साथ पूना में रहते थे, जबकि उनके माता.पिता और बहन मोकलासनी गांव में रहते थे। प्रधानराम ने बताया कि उसने घर में एक भारी तिजोरी रखी थी, जिसमें उनके और परिवार के आभूषण और नगदी रखे हुए थे। तिजोरी की चाबी उसकी मां के पास थी। 16 नवम्बर को प्रधानराम की बहन ने फोन करके बताया कि घर में काम करते समय अभिषेक और जितेंद्र चुपचाप घर आए और तिजोरी से आभूषण और नगदी चुरा लिए। जब उन्होंने तिजोरी की चाबी वापस रखी, तो प्रधानराम की बहन ने उन्हें देख लिया और दोनों आरोपी वहां से फरार हो गए।
दूल्हा-दुल्हन दोनों ने मिलकर वारदात को दिया अंजाम
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की और जितेंद्र व अभिषेक को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान जितेंद्र ने बताया कि उसकी सगाई प्रधानराम की बहन हेमा से हो चुकी थी और उसका घर आना.जाना था। जितेंद्र और अभिषेक ने पुलिस को बताया कि उन्होंने जो सोना चोरी किया, उसमें हेमा भी शामिल थी। पुलिस ने इन तीनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कई बैंकों से सोने को बरामद किया।
चोरी करके प्राइवेट बैंकों में गोल्ड लोन के लिए गिरवी रख दिया
जितेंद्र और अभिषेक ने चोरी किए गए सोने को विभिन्न प्राइवेट बैंकों में गोल्ड लोन के लिए गिरवी रख दिया था। पुलिस ने 40 लाख रुपये का सोना बरामद किया, जबकि 30 तोला सोना अभी भी बरामद होना बाकी है। सोने को डीसीबी बैंक, मण्णपुरम और बजाज फाइनेंस में गिरवी रखा गया था। पुलिस ने डीसीबी बैंक और बजाज फाइनेंस से सोना बरामद कर लिया, लेकिन मण्णपुरम फाइनेंस कंपनी ने सोना देने से इंकार कर दिया। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि गोल्ड लोन देने वाली कंपनियों के कुछ मैनेजर नौकरी छोड़कर फरार हो गए हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।