मां की लाश, बेटे की खुदकुशी और सड़ांध से खुला राज! जयपुर में बेटे ने पहले मां की गला रेतकर हत्या की, फिर ट्रेन से कटकर जान दी। फ्लैट से उठी सड़ांध ने दिल दहला देने वाले रहस्य से उठाया पर्दा। जांच जारी...

Jaipur Double Death Mystery: राजस्थान की राजधानी जयपुर से मंगलवार को एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने पुलिस से लेकर आमजन तक को सन्न कर दिया। एक बेटे ने पहले अपनी 68 वर्षीय मां की बेरहमी से गला रेतकर हत्या कर दी और फिर खुद ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। यह सनसनीखेज घटना तब सामने आई, जब फ्लैट से उठ रही दुर्गंध से परेशान होकर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी।

पार्श्वनाथ कॉलोनी से शुरू हुआ रहस्य 

घटना जयपुर के मुहाना थाना क्षेत्र की पार्श्वनाथ कॉलोनी की है। 38 वर्षीय अभिजीत अपनी मां पुष्पांजलि के साथ किराए के फ्लैट में रहता था। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, अभिजीत पहले कॉल सेंटर में कार्यरत था, लेकिन हाल ही में बेरोजगारी और तनाव ने उसे घेर लिया था।

रेलवे ट्रैक पर मिला युवक का शव 

सोमवार दोपहर जवाहर सर्किल थाना क्षेत्र के ब्रेन टॉवर हॉस्पिटल के पास रेलवे लाइन पर एक शव मिला। युवक की पहचान अभिजीत के रूप में हुई। उसके पास से पुलिस को एक पर्स मिला, जिसमें फ्लैट की चाबी और अन्य दस्तावेज थे। यहीं से फ्लैट का सुराग मिला।

दरवाजा तोड़ते ही दिखी मां की सड़ी लाश 

पुलिस जब पार्श्वनाथ कॉलोनी स्थित फ्लैट पहुंची, तो दरवाजा अंदर से बंद था। मजबूरी में दरवाजा तोड़ा गया। अंदर का नज़ारा दिल दहला देने वाला था — बिस्तर पर 68 वर्षीय महिला का सड़ा हुआ शव पड़ा था, गले पर चाकू के गहरे निशान थे और पास में ही खून से सना चाकू पड़ा मिला।

क्या मानसिक तनाव था वजह? 

प्राथमिक जांच में सामने आया कि अभिजीत गंभीर मानसिक अवसाद में था। लंबे समय से बेरोजगारी, सामाजिक अलगाव और मां की देखभाल की जिम्मेदारी ने उस पर मनोवैज्ञानिक दबाव डाला। पड़ोसियों का कहना है कि वह हाल के दिनों में बहुत चुपचाप और असामान्य व्यवहार कर रहा था।

पुलिस जुटी जांच में, कई सवाल बाकी 

पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और CCTV फुटेज, कॉल रिकॉर्ड्स और मोबाइल डेटा की जांच की जा रही है। पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हत्या और आत्महत्या के बीच कितना समय था और क्या कोई तीसरा व्यक्ति भी शामिल था।

मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज़ न करें 

यह मामला सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है। मानसिक तनाव, एकाकी जीवन और संवाद की कमी कैसे एक परिवार को तबाह कर सकती है — जयपुर की यह घटना इसका भयावह उदाहरण बन गई है।