Jaipur Maharani College Controversy : जयपुर के महारानी कॉलेज में अचानक बनी तीन मजारों ने हड़कंप मचा दिया है। कुलगुरु और प्रिंसिपल पर सवाल उठ रहे हैं, और डीसी ने जांच के आदेश दे दिए हैं। क्या है इस मामले की सच्चाई?
राजस्थान विश्वविद्यालय के अधीनस्थ महारानी महाविद्यालय, जयपुर के परिसर में बनी मजारों को लेकर विवाद गहरा गया है। हाल ही में परिसर में दो नई मजारें बनाई गई हैं, जिससे कुलगुरु और कॉलेज प्रिंसिपल की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। मामले को लेकर डीसी ने जांच समिति गठित कर दी है।
जयपुर कॉलेज में क्यों बनाई गईं तीन मजारें?
मिली जानकारी के अनुसार, कॉलेज परिसर में पहले से ही एक पुरानी मजार मौजूद थी, जिसे लेकर कोई सार्वजनिक आपत्ति नहीं थी। लेकिन अब हाल के दिनों में दो और मजारें बनाए जाने से माहौल गर्मा गया है। छात्रों और सामाजिक संगठनों ने सवाल उठाए हैं कि शैक्षणिक संस्थान में धार्मिक ढांचे किसकी अनुमति से बनाए गए?
विश्वविद्यालय प्रशासन या महाविद्यालय प्रबंधन क्यों है चुप?
इस मुद्दे पर सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन या महाविद्यालय प्रबंधन ने इस निर्माण को अनदेखा क्यों किया? क्या इसकी अनुमति दी गई थी या यह सब चुपचाप हुआ? कुलगुरु प्रो. रामावतार शर्मा और महारानी कॉलेज की प्रिंसिपल की भूमिका को लेकर भी आलोचना हो रही है। स्थानीय छात्र संगठनों और नागरिकों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन जानबूझकर इस तरह की गतिविधियों को नजरअंदाज कर रहा है।
डीसी कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार, जांच समिति पूरे घटनाक्रम की समीक्षा कर यह पता लगाएगी कि ये निर्माण कब, किसकी जानकारी में और किन परिस्थितियों में हुए। यदि इस मामले में लापरवाही या नियमों का उल्लंघन पाया गया तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
क्या जयपुर में होने वाला है कुछ बड़ा?
कॉलेज एक महिला शिक्षण संस्थान है, और वहां इस तरह के धार्मिक निर्माणों को लेकर आम जनमानस में चिंता बढ़ गई है। कई शिक्षकों और छात्रों का कहना है कि इस प्रकार की गतिविधियों से शैक्षणिक माहौल पर असर पड़ सकता है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह धार्मिक आस्था का मामला है या किसी बड़े एजेंडे का हिस्सा।
क्यों फेमस है जयपुर का महारानी कॉलेज
जयपुर का महारानी कॉलेज राजस्थान विश्वविद्यालय से सम्बद्ध एक प्रतिष्ठित महिला महाविद्यालय है, जो देश के सबसे पुराने महिला कॉलेजों में से एक है। इसकी स्थापना 1944 में हुई थी और यह उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों को सशक्त बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। कॉलेज अपनी शानदार ऐतिहासिक इमारत, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, अनुभवी संकाय और विविध पाठ्यक्रमों के लिए प्रसिद्ध है। इस सरकारी कॉलेज में 95% में प्रतिशत से लेकर 103% तक पर एडमिशन होते हैं।