happy fathers day 2025 : फादर्स डे पर बाड़मेर के श्रवण कुमार की कहानी प्रेरणा दे रही है। बर्तन धोने वाले पिता के बेटे ने NEET परीक्षा पास कर डॉक्टर बनने का सपना पूरा किया। गरीबी और मुश्किलों से लड़कर श्रवण ने ये मुकाम हासिल किया।
happy fathers day 2025 : फादर्स डे 2025 पर बाड़मेर के श्रवण कुमार की कहानी एक ऐसी मिसाल बन गई है, जो यह साबित करती है कि पिता का पसीना कभी बेकार नहीं जाता। बाड़मेर के खट्टू गांव में रहने वाले रेखाराम शादी-ब्याह जैसे आयोजनों में बर्तन धोने का काम करते हैं। उनका बेटा श्रवण कुमार एक झोपड़ी में पला-बढ़ा, जहां छत टपकती थी, दीवारें नहीं थीं, लेकिन सपनों की ऊंचाई कम नहीं थी। आर्थिक तंगी के कारण श्रवण को बालोतरा में कमठा मजदूरी तक करनी पड़ी। पढ़ाई का सपना टूटता दिख रहा था, लेकिन तब उसे रास्ता दिखाया शिक्षक चिमनाराम ने।
NEET 2025 में 556 अंक हासिल कर पाई 9754 ऑल इंडिया रैंक
चिमनाराम ने उसे फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान से जोड़ा, जहां निःशुल्क कोचिंग, रहने-खाने की सुविधा मिली। पहले प्रयास में 519 अंक आए, पर चयन नहीं हुआ। हार नहीं मानी, दोबारा मेहनत की और NEET 2025 में 556 अंक और 9754 ऑल इंडिया रैंक लेकर दिखाया कि हालात मंज़िल रोक नहीं सकते।
पिता के त्याग-संघर्ष ने दिलाई बेटे को सफलता
श्रवण की सफलता सिर्फ उसकी नहीं, उसके पिता के त्याग की जीत है। फादर्स डे पर यह कहानी हर उस पिता को समर्पित है, जो अपने बच्चों के लिए दिन-रात मेहनत करता है, चाहे उसे खुद झोपड़ी में क्यों न रहना पड़े। संस्थान प्रमुख डॉ. भरत सारण कहते हैं, "हम बच्चों को सिर्फ पढ़ाते नहीं, उन्हें सपने देखने और पूरे करने की हिम्मत देते हैं।"