government scheme for dairy farmers: राजस्थान में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए ब्राज़ील से खास गिर बैलों का सीमेन लाया गया है। इससे गायों का दूध 5-8 गुना बढ़ने की उम्मीद है, जिससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।
Rajasthan government dairy project: राजस्थान सरकार ने दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए एक अनूठी और प्रभावशाली पहल की शुरुआत की है। ब्राज़ील से मंगवाए गए शुद्ध नस्ल के गिर बैलों के सीमेन का उपयोग अब राज्य के 23 जिलों में देसी गायों के कृत्रिम गर्भाधान के लिए किया जाएगा। इस तकनीक के माध्यम से गायों की दूध देने की क्षमता में जबरदस्त इजाफा होने की उम्मीद है, जो राज्य के पशुपालन क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार करेगा।
गिर नस्ल के हाई प्रोडक्शन बैल, दूध उत्पादन में बढ़ोतरी का दावा
ब्राज़ील से आए बैल Espetaculo FIV और IVA FIV D Brass उच्च उत्पादन वाली नस्लों से संबंधित हैं, जिनकी संतानें सामान्य गायों की तुलना में औसतन 5 से 8 गुना अधिक दूध देती हैं। पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि राजस्थान की देशी गायें फिलहाल रोजाना औसतन 10 से 20 लीटर दूध देती हैं, लेकिन इस कृत्रिम गर्भाधान तकनीक के माध्यम से यह उत्पादन बढ़कर 40 से 50 लीटर प्रतिदिन तक पहुंच सकता है।
23 जिलों में अब तक 2,680 सीमेन डोज का वितरण
इस परियोजना के तहत अजमेर, जयपुर, कोटा, उदयपुर, पाली और भरतपुर सहित कई जिलों में अब तक करीब 2,680 सीमेन डोज़ वितरित किए जा चुके हैं। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इस योजना के विस्तार के लिए अतिरिक्त 10,000 डोज़ की मांग भी की है, ताकि और अधिक किसानों को लाभ मिल सके।
मादा बछड़ों की संख्या बढ़ाने के लिए सेक्स-शॉर्टेड सीमेन तकनीक
राज्य सरकार ने उन्नत सेक्स-शॉर्टेड सीमेन तकनीक को भी अपनाया है, जिसके जरिए 80 से 90 प्रतिशत तक मादा बछड़ों के जन्म की संभावना बढ़ जाती है। चेन्नई से मंगवाए गए इस सीमेन के पहले चरण के 60,000 डोज़ जिलों में वितरित किए जा चुके हैं और शेष 40,000 डोज़ जून तक पहुंचने की उम्मीद है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ताकत
इस पहल से न केवल राज्य में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। कृत्रिम गर्भाधान और उन्नत नस्ल सुधार कार्यक्रमों के माध्यम से राजस्थान में पशुधन की गुणवत्ता और उत्पादकता दोनों में सुधार होगा, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और राज्य के पशुपालन क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी।
राजस्थान सरकार की यह पहल देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणादायक मॉडल साबित हो सकती है, जो कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में नई तकनीकों को अपनाने का संदेश देती है।
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