Rajasthan weather forecast: राजस्थान में मानसून ने दस्तक दे दी है, कई इलाकों में बारिश शुरू। भरतपुर में सबसे ज़्यादा बारिश दर्ज हुई, जबकि जैसलमेर सबसे गर्म रहा। मौसम विभाग ने कुछ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
Rajasthan monsoon arrival updates : राजस्थान की धरती पर इस बार मानसून ने समय से पहले दस्तक देकर लोगों को भीषण गर्मी और लू से बड़ी राहत दी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, मानसून की उत्तरी सीमा अब बाड़मेर, जोधपुर और जयपुर तक पहुंच चुकी है, जिससे राज्य के कई इलाकों में बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन दिनों तक राज्य में तेज मौसमी गतिविधियां बनी रहेंगी।
भरतपुर में सबसे ज़्यादा बारिश, जैसलमेर सबसे गर्म
राज्य के पूर्वी भागों में बारिश का प्रभाव साफ तौर पर देखा जा रहा है। भरतपुर जिले में पिछले 24 घंटों में 85 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जिससे इलाके के लोगों को गर्म हवाओं से राहत मिली। दूसरी ओर, पश्चिमी राजस्थान का जैसलमेर 44.6 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ सबसे गर्म स्थान बना रहा, जबकि सिरोही में सबसे कम 20.4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।
अलवर, करौली और धौलपुर में ऑरेंज अलर्ट जारी
गुरुवार को मौसम विभाग ने अलवर, करौली और धौलपुर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में अगले तीन घंटों के दौरान मध्यम से भारी बारिश के साथ बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। इसके अलावा, जयपुर, टोंक, कोटा, सवाई माधोपुर, दौसा, झालावाड़, भीलवाड़ा, बारां और बूंदी में येलो अलर्ट जारी किया गया है, जहां कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश और मेघगर्जन हो सकते हैं।
पूर्वी राजस्थान में बना है कम दबाव का क्षेत्र
IMD के अनुसार, पूर्वी राजस्थान के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जिसकी वजह से कोटा, भरतपुर और अजमेर संभागों में अगले 48 घंटों तक रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी। विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि 22 और 23 जून को कोटा और भरतपुर में दोबारा भारी बारिश की संभावना है, जिससे स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने की जरूरत है।
नमी में भारी बढ़ोतरी, खेती के लिए अनुकूल समय
राज्य के कई हिस्सों में हवा में नमी का स्तर 45% से 100% के बीच रिकॉर्ड किया गया है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि समय पर आया यह मानसून खरीफ फसलों की बुआई के लिए बेहद अनुकूल है। खासकर धान, बाजरा और मक्का जैसी फसलें समय से बोई जा सकेंगी, जिससे आने वाले महीनों में खाद्य उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
जल स्रोतों के रिचार्ज होने के संकेत
मानसून के आने से ना केवल तापमान में गिरावट देखी जा रही है, बल्कि तालाब, झील और भूमिगत जल स्रोतों के रिचार्ज होने के भी संकेत मिल रहे हैं। इससे ना केवल जल संकट से राहत मिलेगी, बल्कि आने वाले महीनों के लिए पानी की स्थिति में भी सुधार की उम्मीद की जा रही है।
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