barmer news : राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक तीन वर्षीय मासूम बालक की जान एक मामूली सी लॉलीपॉप की डंडी से खतरे में पड़ गई। खेलते-खेलते उसने लॉलीपॉप चूसते वक्त 6 सेंटीमीटर लंबी प्लास्टिक डंडी निगल ली, जो जाकर उसकी आंत में फंस गई। मामला समय रहते सामने आ गया और सांचौर के मेडिपल्स मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में डॉक्टरों की टीम ने तत्काल ऑपरेशन कर उसकी जान बचा ली।
लॉलीपॉप की डंडी निगल गया मासूम
परिजनों के अनुसार, बच्चे को किसी ने लॉलीपॉप थमा दी थी, जिसे वह चूसते-चूसते निगल गया। कुछ ही देर बाद उसे तेज पेट दर्द शुरू हुआ और वह असहज हो गया। स्थानीय डॉक्टरों ने भी जब स्थिति को गंभीर पाया, तो परिजन बच्चे को लेकर सांचौर के मेडिपल्स हॉस्पिटल पहुंचे।
आंत में फंसी डंडी को ऑपरेशन कर निकाला
यहां वरिष्ठ जनरल सर्जन डॉ. नरसीराम देवासी के नेतृत्व में तत्काल सोनोग्राफी की गई, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि डंडी आंत में फंसी है। परिजनों की सहमति के बाद सर्जन टीम ने जटिल ऑपरेशन कर प्लास्टिक डंडी को बाहर निकाला। सर्जरी पूरी तरह सफल रही और अब बालक खतरे से बाहर है। ऑपरेशन में डॉ. बी. विश्नोई, डॉ. संदीप पाटिल, डॉ. प्रणाली अहाले, डॉ. धवल शाह, डॉ. कुलदीप त्रिवेदी, डॉ. नरेश देवासी और डॉ. अशोक वैष्णव जैसे विशेषज्ञ शामिल रहे।
जरा सी लापरवाही बन जाएगी बड़ा खतरा
माता-पिता के लिए चेतावनी: डॉ. नरसीराम देवासी ने बताया कि अक्सर अभिभावक बच्चों को लॉलीपॉप, छोटे खिलौने, सिक्के या अन्य छोटे सामान बिना निगरानी के दे देते हैं, जो कि गंभीर खतरे में बदल सकते हैं। ऐसी वस्तुएं गले में अटकने या पेट के अंदर जाकर आंतों को नुकसान पहुंचाने का कारण बनती हैं। उन्होंने सभी माता-पिता से सावधानी बरतने और बच्चों की गतिविधियों पर सतत निगरानी रखने की अपील की है।
यह घटना एक बार फिर बताती है कि छोटे बच्चों के खिलौने और खाने की चीजें सावधानी से चुननी चाहिए। छोटी सी लापरवाही भी बड़ी मेडिकल इमरजेंसी बन सकती है।