Ashok Gehlot and Sachin Pilot meeting : राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। क्या यह मेल-मिलाप कांग्रेस के लिए नई उम्मीद जगाएगा?
Ashok Gehlot and Sachin Pilot meeting : राजस्थान की राजनीति में इन दिनों सबसे बड़ी हलचल का कारण बने हैं—पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट। लंबे समय तक गहराते मतभेदों और तीखी बयानबाजियों के बाद अब दोनों नेताओं की एक साथ तस्वीरें और वीडियो सामने आना कांग्रेस समर्थकों के लिए उम्मीद की किरण बन गई है।
सचिन पायलट ने अशोक गहलोत को आमंत्रित करने पहुंचे
11 जून को स्वर्गीय राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर दौसा में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह से पहले सचिन पायलट ने अशोक गहलोत को आमंत्रित किया। हैरानी की बात यह रही कि गहलोत ने न सिर्फ निमंत्रण स्वीकार किया, बल्कि अपने सरकारी आवास पर पायलट से भेंट भी की। यह पहली बार है जब सचिन पायलट, गहलोत के सरकारी आवास पहुंचे हैं।
गहलोत और पायलट की मुलकात से पूरे राजस्थान में चर्चा
इस मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाओं का दौर गर्म है। गहलोत और पायलट दोनों ने खुद ही इस मुलाकात को सार्वजनिक किया—जो इस बात का संकेत है कि रिश्तों में नया अध्याय शुरू हो सकता है। अशोक गहलोत ने जहां राजेश पायलट के साथ अपने पुराने संबंधों को याद किया, वहीं सचिन पायलट ने भी एक सम्मानजनक और सहयोगी स्वर में इस मुलाकात को साझा किया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राजस्थान कांग्रेस में यह मुलाकात एक संभावित "रीसेट" बटन की तरह है। पार्टी लंबे समय से गुटबाज़ी की शिकार रही है, और 2023 के विधानसभा चुनाव में सत्ता से बाहर हो चुकी है। ऐसे में पायलट और गहलोत के बीच यह मेलमिलाप पार्टी के पुनर्गठन की शुरुआत हो सकता है।
इस पूरे घटनाक्रम की सबसे खास बात यह है कि यह सब बिना राहुल गांधी या किसी अन्य केंद्रीय नेता की मध्यस्थता के हुआ है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि दोनों नेता अब व्यक्तिगत मतभेदों को पीछे छोड़कर संगठन को मजबूत करने की सोच में हैं। अगर यह मेलजोल कायम रहता है, तो 2025 और आगे के चुनावों में कांग्रेस राजस्थान में फिर से वापसी की राह पर लौट सकती है।