सार

कोटा में 10वीं के छात्र ने खुदकुशी कर ली। 61% अंक आने के बाद भी तनाव में था। परीक्षा परिणाम के बाद बच्चों का ध्यान रखना ज़रूरी।

कोटा. खबर राजस्थान के कोटा शहर से है , लेकिन देश में हर एक माता-पिता को अलर्ट करने वाली है। दरअसल अब स्कूल परीक्षाओं के परिणाम का दौर शुरू हो चुका है , सीबीएसई ने कक्षा 10 और 12 का रिजल्ट घोषित कर दिया है, लेकिन अब बच्चों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है । क्योंकि तनाव या अन्य कारण के चलते बच्चे गलत कदम उठा सकते हैं ,कोटा शहर में यही हुआ है ।

80 फ़ीसदी नंबर की चाहत में कर लिया सुसाइ़ड

कोटा जिले के जवाहर नगर थाना इलाके में रहने वाले कक्षा 10वीं के छात्र ने सुसाइड कर लिया । वह अपनी मां के साथ किराए पर रह रहा था। परिणाम आने के बाद से वह कुछ तनाव में था। उसके 61% नंबर आए थे। लेकिन उसके बाद भी उसे तनाव था , वह मान रहा था कि उसके 80 फ़ीसदी से भी ज्यादा अंक आने चाहिए ,लेकिन ऐसा नहीं हो सका ।

पिता सरकारी कर्मचारी है जो बिहार में पोस्टेड

वह कोटा में रहकर स्कूल और कोचिंग दोनों कर रहा था । प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के साथ ही स्कूल में भी पढ़ाई कर रहा था। बेटे के लिए मां बिहार से कोटा में रह रही थी। पिता सरकारी कर्मचारी है जो बिहार में पोस्टेड है। बताया जा रहा है आज सवेरे कुछ देर के लिए मां कमरे से किसी काम से बाहर चली गई थी , वापस आकर देखा तो बेटा पंखे से लटका हुआ था। उसे तुरंत नीचे उतर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी जान चली गई। जांच में सामने आया है कि परिवार ने किसी भी तरह की कानूनी कार्यवाही नहीं चाही, मां अपने बेटे के शव को लेकर बिहार रवाना हो रही है ।

आखिर बच्चे क्यों करते हैं सुसाइड

एक्सपर्ट्स का कहना है कि हर साल परीक्षा परिणाम आने के बाद अचानक सुसाइड करने वाले बच्चों की संख्या बढ़ जाती है । अधिकतर बच्चे कम नंबर आने या फेल हो जाने के कारण सुसाइड करते हैं, लेकिन कई बार बच्चे साथी छात्र से कम नंबर आने के बाद भी तनाव में आकर गलत कदम उठा लेते हैं , फिर चाहे फिर प्रथम श्रेणी से ही पास हुए हों....। ऐसे में परिणाम के बाद बच्चों पर नजर रखनी बहुत जरूरी है।