ठाणे का एक युवा इंजीनियर चुपचाप ISI के लिए जासूसी करता रहा। उसने भारत के युद्धपोतों और पनडुब्बियों से जुड़ी खुफिया जानकारी पाकिस्तान को भेजी। हनी ट्रैप में फंसा यह इंजीनियर कब, कैसे और किसके इशारे पर देश की सुरक्षा को बेच रहा था — जानिए पूरी साज़िश।
Thane engineer spying: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में रहने वाला 27 वर्षीय मैकेनिकल इंजीनियर 'रवि' (बदला हुआ नाम) अब राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की गिरफ्त में है। जांच में सामने आया कि रवि को एक पाकिस्तानी महिला एजेंट ने सोशल मीडिया के जरिए हनी ट्रैप में फंसाया था। महिला से लगातार संवाद के दौरान वह देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त हो गया।
14 युद्धपोतों की खुफिया जानकारी ISI को भेजी
रवि ने भारतीय नौसेना के 14 जहाजों से जुड़ी जानकारी पाकिस्तानी हैंडलर को दी थी। इनमें से 5 जहाजों की जानकारी पूरी तरह सटीक पाई गई है, जो सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है।
पैसों और लालच में तोड़ी देशभक्ति की मर्यादा
पुलिस के मुताबिक रवि को इसके बदले ISI की तरफ से पैसे भी भेजे गए थे। शुरुआत में छोटी रकम के साथ संपर्क बढ़ाया गया और फिर उसे खुफिया जानकारियां जुटाने के लिए उकसाया गया। रवि का मुख्य काम तकनीकी जानकारियां और नौसेना से जुड़ी गतिविधियों की रिपोर्ट भेजना था।
सोशल मीडिया बना जाल, चैटिंग से शुरू हुआ राज़
जांच में यह भी पता चला है कि पूरी बातचीत इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर की जाती थी। पाकिस्तानी महिला एजेंट ने खुद को रक्षा विश्लेषक बताया और धीरे-धीरे संवेदनशील सवाल पूछने शुरू किए। रवि ने संदेह न करते हुए सारी जानकारी साझा की।
एजेंसियों ने कैसे खोली साज़िश की परतें?
इंटेलिजेंस इनपुट के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने रवि की डिजिटल गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू की। एक विशेष निगरानी अभियान के बाद उसे गिरफ्तार किया गया। अब उस पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर बड़ा खतरा
यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक चेतावनी है। सोशल मीडिया के जरिए दुश्मन देशों की एजेंसियां भारतीय युवाओं को निशाना बना रही हैं।