Ujjain Simhastha 2028 railway plans: 2028 के उज्जैन सिंहस्थ के लिए रेलवे ने खास तैयारी की है। प्रयागराज की गलतियों से सीखते हुए, 1 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं और यातायात प्रबंधन का प्लान बनाया गया है।
Ujjain Simhastha 2028 Prepration: 2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ को भव्य और सुगठित बनाने के लिए प्रशासन और रेलवे ने पूरी ताकत झोंक दी है। जहां एक ओर संतों और श्रद्धालुओं के स्वागत की तैयारी हो रही है, वहीं दूसरी ओर रेलवे ने प्रयागराज महाकुंभ से सीख लेते हुए यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। उम्मीद है कि इस बार का आयोजन न केवल आस्था का महाकुंभ होगा, बल्कि यातायात और लॉजिस्टिक्स के मामले में भी मिसाल बनेगा।
रेलवे का बड़ा प्लान: प्रयागराज जैसी परेशानी दोहराई नहीं जाएगी
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार ने मंगलवार को इंदौर और उज्जैन क्षेत्र में प्रस्तावित रेलवे प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ के दौरान यात्रियों की भीड़ को संभालने के लिए रेलवे पूरी तरह से कमर कस चुका है। इस बार प्रयागराज जैसे हालात नहीं बनने दिए जाएंगे।
1 करोड़ श्रद्धालुओं के स्वागत को तैयार रेलवे
रेलवे के अनुसार, सिंहस्थ 2028 के दौरान उज्जैन में लगभग 1 करोड़ यात्रियों के पहुंचने की संभावना है। ऐसे में हर दिन 90 से 110 स्पेशल ट्रेनेंचलाई जाएंगी। 2016 के सिंहस्थ में जहां करीब 20 लाख लोगों ने ट्रेन यात्रा की थी, वहीं इस बार 5 गुना से भी अधिक भीड़ का अनुमान है। भीड़ नियंत्रण के लिए उज्जैन के चारों ओर 4 से 5 हॉल्ट स्टेशन विकसित किए जा रहे हैं।
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सिंहस्थ के दौरान ट्रेनों के बेहतर प्रबंधन के लिए रेलवे 22 अतिरिक्त पार्किंग प्लेटफॉर्म तैयार करेगा। इसके साथ ही पुराने लो-लेवल प्लेटफॉर्म्स को हाई लेवल में बदलने का कार्य किया जाएगा। यात्रियों को बेहतर चढ़ाई सुविधा और भीड़ नियंत्रण के लिए यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
इंदौर रेलवे स्टेशन बनेगा आधुनिक हब
उज्जैन के साथ-साथ इंदौर में भी रेलवे तेजी से विकास की राह पर है। इंदौर में 485 करोड़ रुपये की लागत से 7 मंजिला नया रेलवे स्टेशन बन रहा है, जिसमें अत्याधुनिक सुविधाएं जैसे एस्केलेटर, लिफ्ट, डिजिटल डिस्प्ले और फूड कोर्ट्स शामिल होंगे।
इंदौर-दाहोद लाइन का विस्तार और नई कनेक्टिविटी
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि इंदौर-दाहोद रेललाइन का 32 किलोमीटर विस्तार हो चुका है और 132 किलोमीटर का कार्य इसी साल पूरा कर लिया जाएगा। साथ ही इंदौर से खंडवा, धार और उज्जैन को जोड़ने वाली रेलवे लाइनों का निर्माण भी प्रगति पर है।
इन तमाम योजनाओं से साफ है कि उज्जैन सिंहस्थ 2028 सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं रहेगा, बल्कि यह मध्यप्रदेश की यातायात व्यवस्था, रेलवे नेटवर्क और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास का भी बड़ा उदाहरण बनेगा। आने वाले वर्षों में यह शहर स्मार्ट लॉजिस्टिक्स और श्रद्धालुओं की सेवा के नए मानदंड तय करेगा।
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