एक सुनसान कुएं से लगातार भौंकने की आवाज… जब डॉक्टर ने झांका तो नीचे जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही थी एक नवजात बच्ची! उसके साथ था एक छोटा कुत्ता, जो बना उसकी ढाल। सतना में घटी ये हैरान कर देने वाली घटना चमत्कार से कम नहीं लगती।

Satna news: सतना जिले के कोलगवां में एक दिल छू लेने वाली घटना हुई, जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। एक कुत्ता, जिसे आमतौर पर सिर्फ जानवर समझा जाता है, इस बार फरिश्ते की भूमिका निभाता नजर आया। सुबह-सुबह जब डॉ. सुधीर जैन दूध लेने निकले, तो उन्हें एक कुत्ते की लगातार भौंकने की आवाज सुनाई दी। कुत्ता कुएं के पास लगातार भौंक रहा था, जिससे साफ लग रहा था कि कुछ असामान्य है।

कुएं में मिली नवजात की जिंदगी की लड़ाई

डॉ. जैन ने कुत्ते की आवाज पर ध्यान देते हुए कुएं में झांका तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं। कुएं में एक नवजात बच्चा रो रहा था और उसकी स्थिति गंभीर लग रही थी। यह देखकर डॉ. जैन ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।

पुलिस और फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई

सूचना मिलते ही कोलगवां थाना पुलिस और नगर निगम की फायर ब्रिगेड टीम मौके पर पहुंची। रस्से के सहारे फायरकर्मी कुएं में उतरे और स्थानीय लोगों की मदद से लगभग एक घंटे की मेहनत के बाद नवजात बच्चे को सकुशल बाहर निकाला गया। इस बचाव अभियान में खास बात यह रही कि बच्चे के साथ एक छोटा डॉगी भी कुएं में था, जिसे बाद में सुरक्षित बाहर लाया गया।

अस्पताल में बच्चों की निगरानी

नवजात बच्चे को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों की टीम उसकी हालत पर नजर रख रही है। बच्चे की जान बचाने वाले इस अनोखे फरिश्ते — कुत्ते — की वजह से सभी ने राहत की सांस ली है।

जानवर भी होते हैं इंसान के सबसे अच्छे दोस्त

यह घटना न केवल नवजात बच्चे के लिए एक चमत्कार साबित हुई, बल्कि यह भी दर्शाती है कि जानवरों में भी इंसानियत और सहानुभूति कितनी गहरी होती है। कुत्ते की सतर्कता और उसकी भौंक ने मासूम की जान बचाई, जिससे इस घटना ने हर किसी का दिल जीत लिया है।