छतरपुर के सरसेड गांव में स्थित भूतेश्वर महादेव मंदिर में हर 5 साल में शिवलिंग एक इंच ऊपर उठता है! एक गुफा, एक सपना और जल का वरदान-क्या ये सच में शिव का चमत्कार है या इतिहास में छिपा कोई रहस्य? जानिए पूरी कहानी यहां।

Bhuteshwar Mahadev Temple Chhatarpur: मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित भूतेश्वर महादेव मंदिर, न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि एक ऐतिहासिक और रहस्यमयी धरोहर भी है। सावन के महीने में यह मंदिर हजारों श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है। मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण 6वीं शताब्दी में नाग वंश के शासक नागराज शांति देव द्वारा कराया गया था।

जब भयंकर अकाल में मिला जल का वरदान 

इतिहास बताता है कि नाग वंश के शासनकाल में क्षेत्र भयंकर अकाल से जूझ रहा था। उस समय शांति देव ने भगवान शिव की घोर तपस्या की। मान्यता है कि शिव ने उन्हें स्वप्न में दर्शन देकर जल स्रोत प्रदान करने का वचन दिया। इसी के बाद मंदिर के पास एक चमत्कारी कुंड बना, जो आज भी भीषण गर्मी में भी जल से लबालब रहता है।

रहस्यमयी शिवलिंग और ऊपर उठती चट्टान 

इस मंदिर में विराजित शिवलिंग के ऊपर एक विशाल पत्थर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि हर पांच साल में वह एक इंच ऊपर उठता है। यह तथ्य न केवल श्रद्धालुओं को आश्चर्य में डालता है बल्कि शोधकर्ताओं और इतिहासकारों को भी सोचने पर मजबूर करता है।

गुफा, खजाना और नागराज की रहस्यमयी सुरंग 

स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, मंदिर से एक गुप्त गुफा महल तक जाती थी, जिससे नागराज सीधा मंदिर में प्रवेश करते थे। हालांकि अब यह गुफा बंद है, परंतु लोगों का मानना है कि इसमें बहुमूल्य धातुओं और आभूषणों का खजाना छिपा हुआ है।

उपेक्षा का शिकार ऐतिहासिक धरोहर 

इतनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता के बावजूद, मंदिर प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है। पुरातत्व विभाग और पर्यटन विभाग ने आज तक इसे संरक्षण की दिशा में कोई पहल नहीं की। स्थानीय लेखक डॉ. नरेंद्र अरजरिया, जिन्होंने इस मंदिर पर शोध किया है, कहते हैं कि यह स्थल पर्यटन मानचित्र पर अब तक जगह नहीं बना सका।

श्रद्धालुओं की आस्था बनी रही अडिग 

श्रद्धालुओं का मानना है कि सच्चे मन से की गई प्रार्थना यहां अवश्य फलदायी होती है। सावन के महीने में यहां हजारों की संख्या में भक्तजन आते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए हरपालपुर रेलवे स्टेशन से टैक्सी सुविधा और रहने के लिए होटल्स उपलब्ध हैं।