आदिवासियों की ईमानदारी से अभिभूत हुईं राजकुमारी इटका क्लेट, जानिए क्यों?
राजकुमारी इटका क्लेट की 22 लाख की अंगूठी झरने में गिरी, आदिवासियों ने 2 दिन में खोली, भावुक हुई राजकुमारी, जानें पूरी दिल छूने वाली कहानी।
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राजकुमारी की अंगूठी तामिया झरने में गिरी, क्या हुआ उसके बाद?
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के तामिया में स्थित छोटा महादेव झरने के पास एक चौंकाने वाली घटना घटी। चेक गणराज्य की राजकुमारी इटका क्लेट अपनी इंगेजमेंट रिंग की कीमत 22 लाख रुपये के साथ झरने के पास नहा रही थीं, तभी वह रिंग झरने में गिर गई। इस घटना के बाद राजकुमारी भावुक हो गईं और रिंग की खोज शुरू कर दी।
राजकुमारी के साथ सैलानियों ने किया रिंग की खोज का प्रयास
राजकुमारी के साथ मौजूद अन्य सैलानियों ने भी रिंग खोजने में मदद की, लेकिन छह घंटे की मशक्कत के बाद भी रिंग का कोई पता नहीं चला। राजकुमारी की निराशा और चिंता बढ़ गई, लेकिन इस कहानी का ट्विस्ट अभी बाकी था।
आदिवासी युवकों ने किया चमत्कारी काम, रिंग की खोज में जुटे
राजकुमारी की निराशा को दूर करने के लिए, मनोज विश्वकर्मा नामक एक स्थानीय नींबू पानी बेचने वाले ने आदिवासी युवकों से मदद ली। एक दर्जन से अधिक आदिवासी युवकों ने रिंग की खोज शुरू की और दो दिन तक अथक प्रयास करने के बाद, झरने के नीचे रेत निकालते हुए वे रिंग ढूंढने में सफल हो गए।
राजकुमारी ने आदिवासियों की ईमानदारी और मेहनत को सराहा
जब राजकुमारी को उनकी खोई हुई रिंग वापस मिली, तो वह अत्यधिक भावुक हो गईं। वह आदिवासियों की मेहनत और ईमानदारी से अभिभूत हो उठीं। उन्होंने आदिवासी युवकों को पांच लाख रुपये इनाम देने का प्रस्ताव रखा, लेकिन युवकों ने इसे विनम्रता से ठुकरा दिया और केवल 41 हजार रुपये मजदूरी ली।
आदिवासियों की संस्कृति: अतिथि सत्कार और ईमानदारी की मिसाल
राजकुमारी इटका क्लेट ने इस पूरे अनुभव के बाद भारतीय संस्कृति और आदिवासी समुदाय की ईमानदारी की मुक्त कंठ से सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत में अतिथि सत्कार की भावना आज भी जीवित है, जो उन्होंने आदिवासियों से सिखी। यह घटना न केवल एक साधारण अंगूठी के मिलने की कहानी है, बल्कि भारतीय संस्कारों और संस्कृति की गहरी छाप छोड़ने वाली घटना है।
क्या यह कहानी भारतीय अतिथि सत्कार की सबसे बेहतरीन मिसाल है?
इस कहानी ने एक बार फिर यह साबित किया कि भारतीय संस्कृति में अतिथि सत्कार और ईमानदारी की भावना आज भी प्रबल है। आदिवासियों की मेहनत और ईमानदारी ने राजकुमारी को गहरे प्रभावित किया और यह घटना भारतीय मूल्यों की अद्भुत पहचान बन गई।