सार

MP के जनजातीय मंत्री विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर की हीरो कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया। हाईकोर्ट के निर्देश पर FIR दर्ज, माफी मांगते हुए बोले- 'मैं शर्मिंदा हूं'। जानिए पूरी कहानी और विवाद की वजह।

Vijay Shah FIR: मध्य प्रदेश के जनजातीय मामलों के मंत्री कुंवर विजय शाह की सेना अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी ने देशभर में हंगामा मचा दिया है। ऑपरेशन सिंदूर में हिस्सा लेने वाली कर्नल कुरैशी को लेकर शाह ने ऐसा बयान दिया जिसे हाईकोर्ट ने "कैंसरकारी और खतरनाक" तक कह डाला।

हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस हरकत में आई

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को पुलिस को निर्देश दिया कि शाम 6 बजे तक FIR दर्ज कर कोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट पेश करें। इसके बाद इंदौर के महू थाना क्षेत्र के मानपुर थाने में कुंवर विजय शाह के खिलाफ केस दर्ज किया गया।

कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी? ऑपरेशन सिंदूर की प्रमुख सैन्य अधिकारी

कर्नल कुरैशी भारतीय सेना की प्रतिष्ठित महिला अधिकारी हैं। उन्होंने हाल ही में विदेश सचिव विक्रम मिस्री और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग की थी। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी शिविरों को नष्ट किया था।

मंत्री ने क्या कहा जो बना विवाद का कारण?

विजय शाह ने एक जनसभा में कहा: “जब पाकिस्तान ने हमारी बहनों का सिंदूर छीना, तो हमने उनकी बहन को भेजा – देश को नंगा करने के लिए।" उन्होंने इशारों-इशारों में कर्नल कुरैशी को “पाकिस्तानी समुदाय” की बताते हुए आतंकवाद से जोड़ दिया, जिससे विवाद और गहरा गया।

माफी के बावजूद भड़की सियासत

विजय शाह ने एक वीडियो संदेश में कहा: "मैं अपने बयान से शर्मिंदा हूं और दिल से माफी मांगता हूं।" हालांकि कांग्रेस इस माफी से संतुष्ट नहीं हुई और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग को लेकर इंदौर में प्रदर्शन किया।

FIR में दर्ज हुई कौन-कौन सी धाराएं?

शाह के खिलाफ BNS की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है। FIR में उनकी टिप्पणी को समाज में वैमनस्य फैलाने और सेना की छवि खराब करने वाला बताया गया है।

कर्नल कुरैशी का प्रेरणादायक सफर

कर्नल सोफिया ने पीएचडी और शिक्षण करियर छोड़कर सेना जॉइन की थी। 2016 में उन्होंने 'फोर्स 18' नामक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारत की पहली महिला सैन्य कमांडर के तौर पर भाग लिया। वे 18 देशों के प्रतिनिधियों में अकेली महिला कमांडर थीं।