Jal Jeevan Mission Aadhaar linking: मध्य प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत 'हर घर नल से जल' योजना को लेकर एक अहम फैसला लिया गया है। अब पोर्टल पर नल कनेक्शन धारक का आधार नंबर दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा न होने पर यह नहीं माना जाएगा कि हितग्राही को जल आपूर्ति मिल रही है। इस संबंध में कलेक्टर मृणाल मीणा ने सख्त निर्देश जारी किए हैं।

नल से जल तभी माना जाएगा, जब जुड़ा हो आधार नंबर

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) को निर्देश दिए गए हैं कि हर लाभार्थी का आधार नंबर सिस्टम में एंट्री करें। इससे योजना की पारदर्शिताऔर जवाबदेही सुनिश्चित होगी। अब अधिकारियों को केवल कागज़ी आंकड़े नहीं, डिजिटल प्रमाण के साथ वास्तविक स्थिति दिखानी होगी।

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अब तक 561 योजनाओं में पहुंच चुका है जल

जल जीवन मिशन के तहत जिले में 1077 नल जल योजनाएं स्वीकृत हैं। इनमें से:

  • 600 योजनाएं पूरी तरह से पूर्ण हो चुकी हैं।
  • 561 योजनाओं में लाभार्थियों तक घर-घर पानी की आपूर्ति शुरू हो गई है।
  • शेष योजनाओं पर तेज़ी से काम जारी है।

कलेक्टर मीणा ने स्पष्ट किया है कि 15 अगस्त 2025 तक हर हाल में शेष अपूर्ण योजनाओं को भी पूरा किया जाए।

अधूरी योजनाओं पर कार्रवाई तय

कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि पूर्ण हो चुकी योजनाओं में भी हर घर तक पानी पहुंचना चाहिए। जिन ठेकेदारों ने अपने हिस्से का कार्य पूरा नहीं किया है, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इन कंपनियों को मिलेगा नोटिस

कलेक्टर ने काम में लापरवाही बरतने वाली कंपनियों को चिन्हित कर नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। इनमें शामिल हैं:

  1. टीबीएस इंफ्रास्ट्रक्चर, गोंदिया
  2. मेसर्स तारा मशीनरी, दाहिया
  3. परिहार एसोसिएट
  4. एवी कंस्ट्रक्शन, पिपले कंस्ट्रक्शन (छिंदवाड़ा)
  5. माही कंस्ट्रक्शन, मिश्रा कंस्ट्रक्शन, अक्षत इंटरप्राइस (बालाघाट)
  6. आशीष कुमार, लामता
  7. एपी कंस्ट्रक्शन (मुरैना)
  8. केशव कृपा कंपनी, जयबालानंद कंपनी (सूरत
  9. तिरुपति-वाधवा कंपनी, नीरज ट्रेडिंग कंपनी (नागपुर)
  10. रायसिंह कंपनी, वीणा ट्रेडर्स, वैभव इंफ्रास्ट्रक्चर्स

आधार से जुड़ने से होगी पारदर्शिता

योजना के साथ आधार जोड़ने से:

  • डुप्लीकेसी खत्म होगी 
  • हर लाभार्थी की निगरानी संभव होगी 
  • सरकारी फंड का सही उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा 
  • योजनाओं की रिपोर्टिंग और मॉनिटरिंग आसान हो जाएगी

जल जीवन मिशन अब सख्ती और पारदर्शिता के नए दौर में प्रवेश कर चुका है। 15 अगस्त तक सभी अधूरी योजनाएं पूरी करनी होंगी और लापरवाह ठेकेदारों को जवाब देना होगा। साथ ही, हर कनेक्शन को आधार से जोड़ना अब अनिवार्य है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वाकई में हर घर तक पानी पहुंच रहा है या नहीं।

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