Mahakal temple donation increase: महाकाल लोक के बाद उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों की संख्या और दान में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। दर्शनार्थियों की संख्या दोगुनी होकर 2 लाख प्रतिदिन पहुँच गई है और चढ़ावा 51 करोड़ के पार हो गया है।

Mahakal temple Ujjain donations: भारत के धार्मिक मानचित्र पर उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर एक ऐसा नाम है, जो केवल शिवभक्तों के लिए ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहरों के प्रेमियों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बन गया है। महाकाल लोक के विकास के बाद इस मंदिर ने भक्तों की आस्था और संख्या दोनों में ऐतिहासिक छलांग लगाई है।

हर दिन डेढ़ से दो लाख भक्त कर रहे हैं दर्शन

महाकाल लोक के उद्घाटन के बाद से मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। जहां पहले रोजाना 40 से 50 हजार लोग दर्शन को आते थे, अब वही आंकड़ा बढ़कर 1.5 से 2 लाख तक पहुंच गया है। महाकाल के दरबार में उमड़ती भीड़ इस बात की गवाही देती है कि यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा ने देश-विदेश के श्रद्धालुओं को आकर्षित किया है।

4 सालों में 4 गुना बढ़ा दान, 2025 में अब तक 51 करोड़ का चढ़ावा

भक्तों की आस्था के साथ महाकाल मंदिर को मिलने वाला दान भी आसमान छूने लगा है।

  • 2019-20 में: ₹15 करोड़ 
  • 2023-24 में: ₹59.91 करोड़ 
  • 2024-25 (अब तक): ₹51.22 करोड़

गौरतलब है कि ये आंकड़े सिर्फ दान पेटियों में डाले गए पैसों के हैं। अगर अन्य स्रोतों से हुई आमदनी को जोड़ा जाए, तो यह राशि 1 अरब रुपए से भी अधिक हो जाती है।

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सोना-चांदी भी चढ़ा रहे हैं भक्त, 5 किलो चांदी का अनोखा चढ़ावा

सिर्फ नगद नहीं, श्रद्धालु अब सोने-चांदी के आभूषण भी महाकाल को समर्पित कर रहे हैं। हाल ही में एक भक्त ने मंदिर को 5 किलो चांदी दान की। मुकुट, कुंडल, और चांदी की माला जैसे चढ़ावे अब आम होते जा रहे हैं, जिससे मंदिर की संपत्ति में लगातार इज़ाफा हो रहा है।

धार्मिक पर्यटन में आई क्रांति, उज्जैन बना नया केंद्र

महाकाल लोक के निर्माण ने उज्जैन को धार्मिक पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित कर दिया है। केवल दर्शन के लिए ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक व आध्यात्मिक अनुभव के लिए भी लाखों लोग यहां खिंचे चले आते हैं।

दर्शन करने वालों में 40% की वार्षिक बढ़ोतरी

आंकड़े चौंकाने वाले हैं:

  • 2023 में: 5.3 करोड़ भक्त
  • 2024 में: 7.4 करोड़ भक्त

महज एक साल में 40 फीसदी वृद्धि! दो सालों में करीब 12.32 करोड़ लोग महाकालेश्वर के दर्शन को पहुंचे हैं।

महाकाल मंदिर अब केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बन चुका है। प्रशासन की योजनाएं, महाकाल लोक की भव्यता और भक्तों की अडिग आस्था मिलकर उज्जैन को एक अद्वितीय धार्मिक-पर्यटन स्थल में परिवर्तित कर रहे हैं।

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