मध्य प्रदेश के खंडवा जनपद अंतर्गत कोंडावत गांव में 150 साल पुराने कुएं में जहरीली गैस की चपेट में आने से 8 लोगों की दर्दनाक मौत। गणगौर उत्सव के दौरान हुई इस त्रासदी की पूरी जानकारी पढ़ें।

Khandwa News: मध्य प्रदेश के खंडवा डिस्ट्रिक के छैगांवमाखन अंतर्गत कोंडावत गांव में गणगौर उत्सव की खुशियां मातम में बदल गईं जब 150 साल पुराने कुएं की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से 8 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।

कैसे हुआ खंडवा के कोंडावत गांव में हादसा?

गुरुवार को गांव में गणगौर उत्सव के लिए मूर्ति विसर्जन की तैयारी चल रही थी। इसी दौरान कुछ ग्रामीण पुराने कुएं की सफाई के लिए उसमें उतरे। शुरुआत में 5 ग्रामीण कुएं में जमा कीचड़ हटाने उतरे।अचानक सभी दलदली अवशेषों में फंस गए और संघर्ष करने लगे। उन्हें बचाने के लिए 3 और ग्रामीण कुएं में उतरे, लेकिन वे भी जहरीली गैस के कारण बेहोश हो गए। कुछ ही मिनटों में सभी 8 लोगों की मौत हो गई।

 

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बचाव अभियान और प्रशासन की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस और SDRF की टीमें मौके पर पहुंचीं। लगभग 4 घंटे तक चले बचाव अभियान में सभी 8 शव निकाले गए। प्रारंभिक जांच में जहरीली गैस की वजह से दम घुटने और डूबने की पुष्टि हुई।

सीएम मोहन यादव ने किया मुआवजे का ऐलान

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घटना पर शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। सरकार ने इस घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं। ग्रामीणों ने भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कुएं को हमेशा के लिए बंद करने का फैसला किया है।

क्या कहती है विशेषज्ञों की राय?

पुराने कुएं में अक्सर जहरीली गैसें (जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड) जमा हो जाती हैं। अगर इनका उचित परीक्षण नहीं किया जाता, तो वे घातक साबित हो सकती हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि किसी भी पुराने कुएं में प्रवेश करने से पहले ऑक्सीजन स्तर की जांच आवश्यक है। यह घटना गणगौर उत्सव की खुशियों को गम में बदलने वाली दुखद त्रासदी बन गई। प्रशासन द्वारा जांच जारी है, लेकिन यह घटना हमें पुराने कुओं में प्रवेश करने से पहले सुरक्षा उपाय अपनाने की चेतावनी देती है।