Sehore minor death: सीहोर में 17 वर्षीय नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद जबरन सल्फास खिलाकर हत्या का रहस्यमय मामला सामने आया। पुलिस की लापरवाही से परिजन आक्रोशित, न्याय की मांग पर सड़क जाम। जांच जारी, सच सामने आने का इंतजार।

Sehore Crime News: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के अहमदपुर थाना क्षेत्र में एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। लड़की के पिता ने आरोप लगाया है कि दो युवकों ने उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया और फिर जबरन सल्फास की गोली खिलाकर उसकी जान ले ली।

घटना के पीछे की भयावह कहानी

पिता के अनुसार, सोमवार रात करीब 11 बजे उनकी दोनों बेटियां पानी भरने गई थीं। इसी दौरान दो लड़कों, कान्हा और जगपाल ने बड़ी बेटी को पकड़ लिया। छोटी बेटी भागकर घर आई और घटना की जानकारी दी। पिता तुरंत मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी बेटी को बहुत बीमार पाया। लड़की ने बताया कि दोनों लड़कों ने उसे एक शटर में बंद कर दिया था और जब उसने अपनी हरकतों की शिकायत करने की बात कही, तो उन्होंने उसे जिंदा रहने की शर्त पर मुंह में जबरन सल्फास की गोली डाल दी।

 

Scroll to load tweet…

 

पुलिस की लापरवाही और परिवार का दर्द

पीड़ित परिवार जब रात के समय अहमदपुर थाने पहुंचा तो पुलिस ने उनकी शिकायत नहीं सुनी और उन्हें भगा दिया। पिता ने बताया कि पुलिसकर्मी ने उन्हें धमकी दी और अस्पताल लेकर जाने को कहा, लेकिन कोई उचित कार्रवाई नहीं की। इसके बाद परिवार भोपाल अस्पताल गया, जहां लड़की की मौत हो गई।

थाने के बाहर शव रखकर प्रदर्शन

नाबालिग के शव के साथ परिजन और ग्रामीण थाने के बाहर आक्रोशित होकर सड़क जाम कर बैठे। वे आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शन दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे तक चला। इस दौरान पुलिस पर पथराव हुआ और जवाब में हल्का लाठीचार्ज किया गया। प्रदर्शन के कारण इलाके में तनाव व्याप्त हो गया।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

एसपी दीपक शुक्ला ने बताया कि एक आरोपी को हिरासत में लिया गया है। मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी गई है। एसडीओपी पूजा शर्मा ने कहा कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। मामले में पॉक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।

न्याय की गुहार और सामाजिक संदेश

यह मामला न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि बच्चों की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। परिजन और ग्रामीण न्याय की मांग कर रहे हैं ताकि दोषियों को सख्त सजा मिले और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।