MP हाईकोर्ट ने दी अनोखी सजा—सतना के टीआई को लगाने होंगे 1000 फलदार पौधे! हर पेड़ की GPS लोकेशन और फोटो कोर्ट में देना अनिवार्य। लापरवाही की सजा ने बना दिया पर्यावरण रक्षक! जानिए पूरा मामला जो बना सुर्खियों की वजह।

MP High Court Unique punishment: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सतना जिले के कोतवाली थाना प्रभारी (टीआई) रावेंद्र द्विवेदी को एक अनोखी और सराहनीय सजा सुनाई है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि टीआई को 1 जुलाई से 31 अगस्त 2025 के बीच 1000 फलदार पौधे लगाने होंगे। इतना ही नहीं, लगाए गए हर पौधे की GPS लोकेशन और तस्वीर हर महीने कोर्ट में जमा करनी होगी। यह फैसला हाईकोर्ट की डबल बेंच जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस अवनीन्द्र कुमार सिंह ने सुनाया।

क्यों मिली यह अनोखी सजा?

यह पूरा मामला 2021 के एक गंभीर अपराध से जुड़ा है, जिसमें रामअवतार चौधरी को एक नाबालिग से दुराचार का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। जब आरोपी ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी, तो कोर्ट ने पीड़िता को नोटिस तामील कराने का आदेश दिया। लेकिन टीआई रावेंद्र द्विवेदी ने इस आदेश का समय पर पालन नहीं किया, जिससे कोर्ट ने इसे गंभीर लापरवाही माना और उन्हें अनोखी सजा दी।

फोटो और GPS लोकेशन अनिवार्य

कोर्ट ने साफ कहा कि सभी पौधे आम, जामुन, अमरूद और महुआ जैसे फलदार वृक्ष होने चाहिए और इन्हें सतना जिले के चित्रकूट क्षेत्र में लगाया जाए। हर महीने इन पौधों की फोटो और GPS लोकेशन के साथ प्रगति रिपोर्ट अदालत में पेश करनी होगी। इसके साथ सतना एसपी का एक शपथ-पत्र भी लगाना जरूरी होगा, जिसमें यह पुष्टि हो कि पौधारोपण सही स्थान पर हुआ है।

एक साल तक देखभाल की जिम्मेदारी भी सौंपी गई

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल पौधे लगाना ही काफी नहीं, बल्कि एक वर्ष तक उनकी देखभाल भी थाना प्रभारी की जिम्मेदारी होगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लगाए गए सभी पौधे सही तरह से विकसित हों और स्थायित्व प्राप्त करें।

टीआई ने कोर्ट से मांगी माफी

टीआई रावेंद्र द्विवेदी ने कोर्ट में अपनी गलती स्वीकारते हुए माफी मांगी और कहा कि वह न सिर्फ पौधे लगाएंगे, बल्कि पुलिस महानिरीक्षक द्वारा लगाए गए ₹5000 का जुर्माना भी भरेंगे। कोर्ट ने यह दिखा दिया कि दंडात्मक कार्रवाई भी सकारात्मक समाजहित में बदली जा सकती है।

अगली सुनवाई और अनुपालन रिपोर्ट

कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर 2025 को निर्धारित की है। उस दिन अदालत में यह देखा जाएगा कि टीआई ने दिए गए आदेशों का पालन कितनी गंभीरता से किया।