सार
एक सेना अधिकारी पर बयान... एक मंत्री पर उंगली... और देशभर में उबाल! कर्नल सोफिया कुरैशी के परिजनों ने पीएम से की कार्रवाई की मांग। क्या सेना की बेटी को मिलेगा इंसाफ या सियासत दबा देगी आवाज़? जानिए इस कंट्रोवर्सियल विवाद की परतें!
Colonel Sofiya Qureshi Controversy: मध्य प्रदेश के आदिवासी मामलों के मंत्री विजय शाह द्वारा सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर की गई विवादित टिप्पणी ने राजनीतिक और सामाजिक भूचाल ला दिया है। ये मामला अब सिर्फ बयानबाज़ी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे सेना के सम्मान से जोड़कर देखा जा रहा है।
"सोफिया सिर्फ हमारी नहीं, देश की बेटी है" — परिजनों का दर्द छलका
कर्नल सोफिया कुरैशी के परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से अपील की है कि वे विजय शाह के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें। सोफिया के चचेरे भाई बंटी सुलेमान ने साफ कहा — “सोफिया सेना की बेटी है। वह देश के लिए जीती है। विजय शाह का बयान अक्षम्य अपराध है।”
भाजपा नेताओं ने दी समझाइश, मगर गुस्सा शांत नहीं
परिवार ने बताया कि भाजपा नेता भंवर राजा और छतरपुर के जिला अध्यक्ष उनके घर आए और उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार मामले को गंभीरता से लेगी। हालांकि, परिजनों का कहना है कि सिर्फ आश्वासन से काम नहीं चलेगा, ठोस कार्रवाई चाहिए।
सेना की गरिमा पर चोट: सोशल मीडिया पर उबाल
यह बयान अब सोशल मीडिया पर भी वायरल हो चुका है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोग मंत्री के खिलाफ #RemoveVijayShah और #JusticeForSofiya जैसे हैशटैग चला रहे हैं। सेना से जुड़े कई पूर्व अधिकारी भी इसे देश की सुरक्षा सेवाओं का अपमान बता रहे हैं।
राजनीतिक हलकों में भी दबाव, भाजपा की चुप्पी सवालों में
अब तक भाजपा की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे सवाल उठने लगे हैं कि क्या पार्टी मंत्री को बचाने की कोशिश कर रही है? विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को जोरशोर से उठाना शुरू कर दिया है।
अब निगाहें पीएमओ और रक्षा मंत्रालय पर
परिजनों ने सीधा सवाल उठाया है — "क्या एक मंत्री को सेना की महिला अधिकारी के सम्मान से खेलने की छूट है?" अब सभी की निगाहें प्रधानमंत्री कार्यालय और रक्षा मंत्रालय पर हैं — क्या सेना की बेटी को न्याय मिलेगा?
क्या विजय शाह को मिलेगा दंड?
यह मामला न सिर्फ राजनीतिक गरिमा, बल्कि सेना और देश की बेटियों के सम्मान से भी जुड़ गया है। देखना यह होगा कि केंद्र सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है। क्या विजय शाह से मंत्री पद लिया जाएगा? या मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?