low-cost farming techniques: मध्य प्रदेश में मानसून के दौरान धान, मक्का, बाजरा, मूंगफली जैसी फसलें कम लागत में अच्छा मुनाफ़ा दे सकती हैं। जानिए कैसे वैज्ञानिक खेती से आमदनी दोगुनी करें।

monsoon farming in madhya pradesh : खेती अब केवल परंपरा नहीं रही, बल्कि एक बेहतर करियर और कमाई का विकल्प बन चुकी है। खासकर मध्य प्रदेश जैसे कृषि प्रधान राज्य में, जहां कई पढ़े-लिखे युवा भी खेती की ओर लौट रहे हैं। मानसून का सीजन खरीफ फसलों के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है। इस दौरान कुछ खास फसलें ऐसी हैं जो कम लागत में अधिक मुनाफा देती हैं। आइए जानते हैं कि जून-जुलाई के मौसम में किसान किन-किन फसलों की खेती करके अच्छा लाभ कमा सकते हैं।

1. धान (चावल): पानीदार मुनाफा देने वाली परंपरागत फसल

धान की खेती मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में पारंपरिक रूप से की जाती है। इसकी खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे उपयुक्त मानी जाती है। मानसून की शुरुआत होते ही किसान धान की नर्सरी तैयार करते हैं और फिर जून के मध्य से लेकर जुलाई तक इसकी रोपाई की जाती है। धान को भरपूर पानी की आवश्यकता होती है, जो इस मौसम में स्वाभाविक रूप से मिलता है। यदि किसान हाईब्रिड या उन्नत किस्मों का चयन करते हैं और सही तकनीक से खेती करें, तो वे बाजार में धान को अच्छे दामों पर बेचकर बेहतर मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।

2. मक्का (मकई): बहुउपयोगी और कम समय में तैयार

मक्का को खरीफ सीजन की सबसे उपयोगी फसल माना जाता है। यह फसल मध्यम वर्षा में भी अच्छी तरह विकसित हो जाती है और इसकी खेती में ज्यादा लागत नहीं आती। उत्तर प्रदेश और बिहार के अलावा मध्य प्रदेश के कई ज़िलों में भी मक्का का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। इसकी खासियत यह है कि यह फसल न केवल मानव उपभोग के लिए उपयोगी होती है, बल्कि पशु चारा और औद्योगिक प्रोडक्ट्स में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। कम समय में तैयार होने वाली इस फसल से किसान कम लागत में अधिक लाभ अर्जित कर सकते हैं।

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3. बाजरा: सूखे में भी कमाल करने वाली फसल

बाजरा एक ऐसी फसल है जो शुष्क और गर्म जलवायु में भी बहुत अच्छे से उगाई जा सकती है। इसे कम पानी और कम उपजाऊ मिट्टी में भी उगाया जा सकता है, जिससे यह सूखा प्रभावित इलाकों के लिए उपयुक्त मानी जाती है। बाजरा एक पोषक अनाज है, जिसकी मांग शहरों और गांवों दोनों में तेजी से बढ़ रही है। बाजार में इसकी अच्छी खासी कीमत मिलती है। इसलिए जिन किसानों के पास सीमित संसाधन हैं, उनके लिए बाजरा एक सशक्त विकल्प है जिससे वे अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं।

4. मूंगफली: खाद्य और तेल उद्योग दोनों के लिए लाभकारी

मूंगफली मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश में बड़े पैमाने पर की जाती है। इसकी खेती के लिए गर्म जलवायु और अच्छी जलनिकासी वाली रेतीली मिट्टी की आवश्यकता होती है। मूंगफली का उपयोग खाद्य तेल बनाने, स्नैक्स और अन्य खाद्य उत्पादों में बड़े पैमाने पर होता है। यह एक व्यावसायिक फसल है, जिसकी मांग हमेशा बनी रहती है। किसान यदि समय पर बुवाई करें और वैज्ञानिक तरीके से इसकी देखरेख करें, तो उन्हें इससे जबरदस्त मुनाफा मिल सकता है।

5. कपास: लंबी अवधि की फसल, लेकिन मुनाफा जबरदस्त

कपास मध्य प्रदेश के खरगोन, बड़वानी जैसे ज़िलों में बड़े पैमाने पर उगाई जाती है। इसकी बुवाई जून महीने से शुरू होती है और यह एक लंबी अवधि की फसल होती है, जो लगभग 6–7 महीने में तैयार होती है। हालांकि फसल की अवधि लंबी है, लेकिन बाजार में इसकी मांग बहुत अधिक रहती है। कपड़ा उद्योग और निर्यात सेक्टर के लिए कपास बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए किसान इस फसल से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। मौसम की अनुकूलता और सही कीटनाशक प्रबंधन के साथ यह फसल बहुत लाभकारी सिद्ध होती है।

6. सब्जियों की खेती: कम समय, ज्यादा मुनाफा

मानसून के मौसम में कुछ सब्जियों की खेती बेहद लाभकारी हो सकती है। भिंडी, बैगन, टमाटर, मिर्च और खीरा जैसी फसलें कम समय में तैयार हो जाती हैं और इनकी बाजार में निरंतर मांग बनी रहती है। यदि किसान इन फसलों को व्यवस्थित ढंग से उगाते हैं और मंडियों तक पहुंचाते हैं, तो उन्हें इनसे अच्छा मुनाफा मिल सकता है। सब्जियों की खेती में श्रम अधिक होता है, लेकिन मुनाफा भी उसी अनुपात में अच्छा मिलता है।

7. दलहनी फसलें: मिट्टी भी सुधरे और पैसा भी बने

मूंग, उड़द और अरहर जैसी दालों की खेती भी मानसून के दौरान मध्य प्रदेश में बड़े स्तर पर की जाती है। यह फसलें गर्म और मध्यम वर्षा वाली जलवायु में अच्छे से पनपती हैं। दलहनी फसलें न केवल किसानों को आर्थिक रूप से लाभ देती हैं, बल्कि खेत की मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ाती हैं, क्योंकि ये नाइट्रोजन फिक्सेशन में सहायक होती हैं। इन फसलों की लागत कम होती है और उपज अच्छे बाजार भाव पर बिक जाती है, जिससे किसानों को सीधा लाभ होता है।

मानसून के सीजन में यदि किसान सही फसल का चयन करें और वैज्ञानिक तरीके से खेती करें, तो उन्हें कम लागत में भी जबरदस्त मुनाफा हो सकता है। मध्य प्रदेश की जलवायु और मिट्टी खरीफ फसलों के लिए अनुकूल है, इसलिए धान, मक्का, बाजरा, मूंगफली, कपास, सब्जियां और दलहनी फसलें इस मौसम में सबसे ज्यादा लाभकारी साबित हो सकती हैं। समय पर बुवाई, उचित देखभाल और सही बाजार तक पहुंच के जरिए किसान इस बरसात में अपनी आमदनी को दोगुना कर सकते हैं।

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