आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में मासूम बच्ची की मौत ने सबको दहला दिया। इंस्टेंट सस्पेंस तब बढ़ा जब CCTV फुटेज में सामने आया कि खेल-खेल में बिल्ली का पीछा करती बच्ची अचानक उबलते दूध के बर्तन में जा गिरी… क्या थी पूरी सच्चाई?

अनंतपुर, आंध्र प्रदेश। एक छोटे से स्कूल की रसोई में हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। 17 महीने की मासूम अक्षिता स्कूल में रखे उबलते दूध के बर्तन में गिर गई, जिससे उसका पूरा शरीर जल गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। यह हादसा अनंतपुर जिले के बुक्करायसमुद्रम गांव के अंबेडकर गुरुकुल स्कूल में हुआ। CCTV फुटेज में पूरी घटना कैद हो गई है।

बच्ची कैसे पहुंची उबलते दूध के पास? 

वीडियो में देखा जा सकता है कि अक्षिता अपनी माँ कृष्णावेनी के साथ स्कूल की रसोई में थी। उसकी मां स्कूल में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करती हैं। बच्चों को बांटने के लिए तैयार किया गया गर्म दूध ठंडा होने के लिए पंखे के नीचे रखा गया था। कुछ देर के लिए मां रसोई से बाहर गईं और जब वापस लौटीं, तब अक्षिता अकेले रसोई में बिल्ली का पीछा करते हुए दूध के बर्तन के पास पहुँच गई।

 

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हादसे का दर्दनाक पल 

अक्षिता अचानक लड़खड़ाई और सीधे उबलते दूध के बर्तन में गिर गई। उसकी चीखें सुनकर मां तुरंत दौड़ी और बच्ची को बाहर निकाला। इस दर्दनाक दृश्य ने स्कूल के कर्मचारियों और आसपास के लोगों का दिल दहलाया।

इलाज के बावजूद बच्ची नहीं बच सकी 

मां ने तुरंत बच्ची को अनंतपुर सरकारी अस्पताल पहुंचाया। गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए कुरनूल सरकारी अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन दुर्भाग्यवश, इलाज के दौरान अक्षिता की मौत हो गई।

सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल 

इस हादसे ने स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था और बच्चों की निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। CCTV फुटेज में देखा जा सकता है कि बच्ची अपनी माँ की नजरों के बिना अकेले रसोई में पहुंच गई। क्या यह हादसा केवल दुर्भाग्य था, या स्कूल सुरक्षा में चूक ने मासूम बच्ची की जान ले ली?

पूरे इलाके में शोक और चेतावनी 

इस घटना ने पूरे बुक्करायसमुद्रम गाँव और आसपास के क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ा दी। अधिकारियों ने स्कूल में सुरक्षा और बच्चों की निगरानी बढ़ाने की चेतावनी दी है। आंध्र प्रदेश के इस स्कूल हादसे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा में थोड़ी सी भी चूक कितनी गंभीर और हृदयविदारक हो सकती है। क्या स्कूल प्रशासन इस हादसे से सीख लेगा, या यह सिर्फ एक मर्मांतक दुर्घटना के रूप में याद रहेगी?