Sharda Institute Scandal: कौन है स्वयंभू धर्मगुरु चैतन्यानंद सरस्वती? 17 छात्राओं से यौन उत्पीड़न, फर्जी कार्ड, करोड़ों की संपत्ति और फरारी की कहानी ने दिल्ली पुलिस की जांच को रहस्यमयी मोड़ पर ला दिया है। चैतन्यानंद ने कई बड़े खुलासे किए।
Shri Sharda Institute Case: दिल्ली के प्रतिष्ठित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां की छात्राओं ने स्वयंभू धर्मगुरु चैतन्यानंद सरस्वती पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। सरस्वती, जो खुद को धार्मिक गुरु और समाजसेवी बताते थे, अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। गिरफ्तारी के बाद से लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं—फर्जी पहचान पत्र, करोड़ों रुपये के लेन-देन और फरारी की कहानियों ने पूरे मामले को और रहस्यमयी बना दिया है।
श्री शारदा इंस्टीट्यूट में आखिर क्या हुआ?
पुलिस जांच के मुताबिक, सरस्वती ने संस्थान में पढ़ने वाली कई छात्राओं को रात में अपने क्वार्टर पर बुलाया। आरोप है कि उन्होंने छात्राओं को अनुचित संदेश भेजे और जबरन देर रात मिलने के लिए मजबूर किया। यह भी पता चला कि वह अपने मोबाइल फोन और कैमरों के जरिए छात्राओं की गतिविधियों पर नज़र रखते थे।
कौन है चैतन्यानंद सरस्वती?
आरोपी का असली नाम पार्थ सारथी बताया जा रहा है। वह खुद को धर्मगुरु और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से जुड़ा व्यक्ति बताता था। पुलिस को उसके पास से ऐसे फर्जी विजिटिंग कार्ड मिले जिन पर उसे संयुक्त राष्ट्र का राजदूत, ब्रिक्स आयोग का सदस्य और भारत का विशेष दूत लिखा गया था। इन सबके जरिए वह अपनी पहचान को ऊंचा दिखाकर छात्राओं और लोगों को प्रभावित करता था।
क्यों खासतौर पर EWS छात्राएं बनीं शिकार?
एफआईआर में दर्ज शिकायतों के अनुसार, सरस्वती ने खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की छात्राओं को निशाना बनाया। ये छात्राएं संस्थान में मदद और मार्गदर्शन की उम्मीद लेकर उसके संपर्क में आती थीं, लेकिन कथित तौर पर उनका शोषण किया गया।
फरारी और गिरफ्तारी की पूरी कहानी
4 अगस्त को केस दर्ज होने के बाद से ही सरस्वती पुलिस से बचता रहा। करीब दो महीने तक वह वृंदावन, मथुरा और आगरा में लगातार जगह बदलता रहा। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह सस्ते होटलों और टैक्सियों का सहारा लेता था। आखिरकार 28 सितंबर को सुबह 3:30 बजे, पुलिस ने उसे आगरा के गंज इलाके के एक होटल से दबोच लिया।
पुलिस जांच में क्या-क्या मिला?
पुलिस ने सरस्वती से तीन मोबाइल फोन, एक आईपैड और फर्जी दस्तावेज़ बरामद किए। इसके अलावा उसके कई बैंक खातों की जानकारी भी मिली है, जिनमें अलग-अलग नाम और पहचान के आधार पर करोड़ों रुपये जमा किए गए थे। जांच में यह भी सामने आया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद उसने अपने खातों से 50 लाख रुपये से ज्यादा निकाल लिए थे। अब तक लगभग 8 करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त की जा चुकी है।
कोर्ट ने क्यों भेजा पुलिस हिरासत में?
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपी को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है। पुलिस अब उससे उसकी महिला सहयोगियों के बारे में पूछताछ कर रही है, जिन्होंने कथित तौर पर छात्राओं को धमकाने और अश्लील संदेश डिलीट करने में मदद की थी। पुलिस जांच जारी है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
