Delhi toxic love: तीन लड़कियां, तीन प्रेम कहानियां... और तीन खौफनाक हत्याएं। दिल्ली की गलियों में मोहब्बत का चेहरा बदला—जहां शक बना वजह, और प्यार बन गया मौत का हथियार। क्या ये महज़ इत्तेफाक है या किसी गहरी मानसिक बीमारी की दस्तक?

Delhi toxic love murder: दिल्ली की राजधानी, जहां जीवन तेजी से भागता है, वहां तीन युवतियों की प्रेम संबंधों के नाम पर निर्मम हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है। 21 वर्षीय कोमल, 19 वर्षीय विजयलक्ष्मी और 18 वर्षीय महक जैन की जान उन पुरुषों ने ली, जो खुद को उनके प्रेमी बताते थे। ये हत्याएं प्रेम के नाम पर अधिकार जताने, ईर्ष्या और नियंत्रण की विकृत मानसिकता की भयावह तस्वीर पेश करती हैं।

कोमल की हत्या: गला घोंटकर नहर में फेंका शव

12 मार्च को कोमल की हत्या गला घोंटकर की गई। आरोपी ने शव को छावला नहर में फेंक दिया। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी को शक था कि कोमल किसी और के साथ संबंध रखती है। पांच दिन बाद शव बरामद हुआ। परिवार ने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

विजयलक्ष्मी की निर्मम हत्या: चाकू से गोदकर खत्म किया जीवन

7 अप्रैल को दिल्ली कैंट में विजयलक्ष्मी को उसके प्रेमी ने चाकू से कई बार वार कर हत्या कर दिया। आरोपी ने खुद पर भी चाकू से वार किया। पुलिस के अनुसार, आरोपी को शक था कि विजयलक्ष्मी किसी और से बातचीत करती है, जिससे गुस्सा भड़क गया।

महक जैन की दर्दनाक मौत: चाकू से वार और आग लगाना

1 जून को महरौली में 18 वर्षीय महक जैन को उसके प्रेमी हषप्रीत ने चाकू से कई बार वार कर घायल किया और बाद में शव को जलाने की कोशिश की। महक कॉलेज में पढ़ती थी और परिवार ने बताया कि हषप्रीत पहले भी कई बार झगड़ा करता था। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

सोशल मीडिया: ‘लाइक’, ‘फॉलो’ और ‘स्टोरी’ बना रिश्तों का कब्रिस्तान 

इन तीनों मामलों में एक समान ट्रिगर रहा – सोशल मीडिया का प्रभाव।

  • आरोपी इंस्टाग्राम पर लड़कियों की गतिविधियों को नियंत्रित करते थे।
  • किसी दूसरे लड़के की टिप्पणी, स्टोरी या चैटिंग से उपजती थी हिंसा की भावना।
  • सोशल मीडिया पर दिखाई गई आज़ादी, उन्हें बर्दाश्त नहीं होती थी।

पुलिस रिपोर्ट: “सोशल मीडिया पर लड़कियों की एक्टिविटी को देखकर लड़कों में ईर्ष्या और पजेसिवनेस बढ़ी। यही भावनाएं हत्या का कारण बनीं।” पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम ने इन मामलों में हिंसा को बढ़ावा दिया। प्रेमी अपने पार्टनर की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखते थे और जब वे अन्य लोगों से बातचीत करते देखे जाते थे, तो गुस्सा और शक हिंसा में बदल जाता था।

मनोचिकित्सक बोले: ये प्यार नहीं, मानसिक बीमारी है…

डॉ. निमेश देसाई, वरिष्ठ मनोचिकित्सक: “इन मामलों में 'बेवफाई के भ्रम' जैसी मानसिक स्थिति देखी गई है। बिना किसी सबूत के, व्यक्ति अपने पार्टनर पर अविश्वास करता है। यह एक मानसिक विकृति है, जो ‘केंद्रित विकृति’ के रूप में सामने आती है।” विशेषज्ञ बताते हैं कि अधिकार जताने की भावना गहरी असुरक्षा, अवास्तविक उम्मीदों और सोशल मीडिया की सतही दुनिया से उत्पन्न होती है। यह विकृत जुनून अक्सर भ्रम संबंधी विकार का रूप ले लेता है, जहां व्यक्ति बिना ठोस सबूत के अपने साथी को बेवफा मान बैठता है। यह मानसिक स्थिति हिंसा और हत्या तक ले जा सकती है।

कैसे पहचानें कि रिश्ता ज़हरीला हो चुका है? 

  • बार-बार चैटिंग और कॉलिंग की निगरानी
  • सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाना
  • दोस्तों से मिलना-जुलना रोकना
  • गुस्से में धमकी देना या खुद को नुकसान पहुंचाने की बात करना

"तुम सिर्फ मेरी हो" जैसे संवाद

  • ये संकेत बताते हैं – यह प्रेम नहीं, अधिकार की मानसिकता है।
  • समाधान की दिशा: रिश्तों में सम्मान और स्पेस दें।
  • स्कूल और कॉलेज में रिलेशनशिप एजुकेशन जरूरी।
  • सोशल मीडिया पर व्यवहार के लिए जागरूकता अभियान।
  • मानसिक स्वास्थ्य सहायता केंद्रों तक पहुंच सरल हो।
  • टॉक्सिक रिलेशनशिप में फंसे लोगों को कानूनी और सामाजिक सहायता मिले।
  • पारिवारिक और सामाजिक समर्थन सिस्टम मजबूत हो।

समाज को समझना होगा: ‘ना’ कहना अधिकार है, और आज़ादी अपराध नहीं 

इन तीनों हत्याओं ने एक कठोर सच्चाई उजागर की है—कि जब किसी रिश्ते में स्वतंत्रता नहीं होती, तो वह प्यार नहीं, सिर्फ एक खतरनाक भ्रम होता है। महक, कोमल और विजयलक्ष्मी की कहानी हमें यही सिखाती है कि मौन रहना समाधान नहीं है। अगर आप या आपका कोई जानने वाला ऐसे रिश्ते में है, तो चुप मत रहिए – आवाज़ उठाइए, मदद लीजिए।