Delhi Crime: दिल्ली में सनसनी! डीयू की 18 वर्षीय छात्रा की फर्जी ID से बुलाकर हत्या कर दी गई। बॉयफ्रेंड ने जलन में गला घोंटा, चाकू मारा और शव जलाने की कोशिश की। सीसीटीवी से हुआ खुलासा, आरोपी गिरफ्तार। क्या यही था 'पजेसिव प्यार' का खतरनाक अंजाम?
Delhi Crime News: दक्षिणी दिल्ली के महरौली इलाके में उस समय सनसनी फैल गई जब एक लापता 18 वर्षीय लड़की की जली हुई लाश जंगल में बरामद हुई। पीड़िता डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग की छात्रा थी, जो रविवार सुबह क्लास के लिए घर से निकली थी लेकिन वापस नहीं लौटी।
सोशल मीडिया की फर्जी ID से बुलाया, पहले से प्लान की गई थी साजिश
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी अर्शकृत सिंह ने पीड़िता को एक फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल से मैसेज कर मिलने के लिए बुलाया था। यह मुलाकात उसकी हत्या के इरादे से पहले से प्लान की गई थी। आरोपी खुद भी डीयू का छात्र है।
प्रेमी को था किस बात से एतराज
पुलिस के मुताबिक, आरोपी को लड़की की दूसरे लड़कों से दोस्ती पर शक था। इसी जलन के कारण दोनों में विवाद हुआ, जिसके बाद आरोपी ने सुनसान इलाके में चाकू से वार किया और गला घोंटकर हत्या कर दी।
हत्या के बाद शव को जलाने की कोशिश, खुद भी हुआ घायल
हत्या के बाद आरोपी ने शव को जलाने की कोशिश की ताकि सबूत मिटाया जा सके। इस दौरान वह खुद भी झुलस गया और इलाज के बहाने अस्पताल पहुंचा। यहीं से पुलिस को शक हुआ और कड़ियों को जोड़ते हुए आरोपी तक पहुंची।
CCTV फुटेज बना सुराग, आरोपी की हुई गिरफ्तारी
जांच में पुलिस ने इलाके के CCTV फुटेज खंगाले जिसमें दोनों एक साथ जंगल की ओर जाते दिखे। आरोपी को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई, जहां उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
पिता का दावा: महीनों से कर रहा था पीछा, घर तक आ धमकता था
पीड़िता के पिता और बहन ने बताया कि आरोपी अर्शकृत लंबे समय से परेशान कर रहा था। लड़की ने 5-6 महीने पहले उससे बात करना बंद कर दिया था, लेकिन वह बार-बार घर आकर झगड़ा करता था। यहां तक कि वह उसके कोरियन भाषा क्लास तक पहुंच जाता था।
दर्ज हुआ हत्या व आपराधिक साजिश का केस
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 103(1) (हत्या) और 61(2) (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज किया है। हत्या में इस्तेमाल चाकू भी बरामद कर लिया गया है।
मनोवैज्ञानिक पहलू: जुनूनी प्रेम और मर्दानगी का टॉक्सिक मेल
जाने माने मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि यह केस एक बार फिर टॉक्सिक मेल डॉमिनेंस और जुनूनी प्रेम की सीमा लांघते खतरों को उजागर करता है। युवाओं में सोशल मीडिया के जरिए बढ़ती टॉक्सिक पजेसिवनेस गंभीर क्राइम में बदल रही है।
सवालों के घेरे में कॉलेज सुरक्षा और सोशल मीडिया यूज़
इस जघन्य वारदात ने कॉलेज सुरक्षा, लड़कियों की ऑनलाइन प्राइवेसी और सोशल मीडिया की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस का कहना है कि यह गहन जांच और सचेत रहने का विषय है कि कैसे एक फर्जी ID इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देने का जरिया बन गई?