सार

दिल्ली में एक व्यक्ति ने बेटे की फर्जी मौत दिखाकर बीमा कंपनी से 2 करोड़ रुपये ठगने की कोशिश की। पुलिस ने मामले का खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

Fake Death Claim: दिल्ली में रहने वाले एक व्यक्ति ने 2 करोड़ रुपए का बीमा पाने के लिए फर्जी दावा किया कि सड़क हादसे में उसके बेटे की मौत हो गई है। उसने डॉक्टर के साथ मिलीभगत कर रखी थी, लेकिन पुलिस ने पोल खोल दी। मामला नजफगढ़ इलाके का है। पुलिस ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि 5 मार्च को नजफगढ़ थाना में हादसे के संबंध में एक पीसीआर कॉल आया था। पुलिस के अनुसार सतीश कुमार ने बताया कि उनके बेटे गगन को बाइक हादसे में सिर में चोटें आईं हैं। उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज किया गया।

बिना पुलिस को बताए किया अंतिम संस्कार

पुलिस उपायुक्त (द्वारका) अंकित सिंह ने कहा, "हालांकि, सतीश कुमार और उसका बेटा बिना लिखित शिकायत दर्ज कराए या मेडिको-लीगल केस (MLC) रिपोर्ट बनवाए पुलिस थाने से चले गए।"

उन्होंने कहा कि 11 मार्च को पुलिस ने सतीश कुमार से संपर्क किया। उसने बताया कि 6 मार्च को गगन की मौत हो गई। उत्तर प्रदेश के हापुर के ग्रहगंगा में दाह संस्कार कर दिया गया है। उन्होंने न पुलिस को बताया और न पोस्ट-मॉर्टम कराया। 12 मार्च को उन्होंने शिकायत दर्ज कराई। इसमें घातक दुर्घटना का मामला दर्ज करने में कथित लापरवाही के लिए जांच अधिकारी (आईओ) के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।

CCTV फुटेज में दिखा गगन कर रहा हादसे का नाटक

शिकायत दर्ज किए जाने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। इस मामले में जिस तरह का घटनाक्रम बताया गया उसपर पुलिस अधिकारियों को शक हुआ। DCP ने कहा, "हमने हादसे वाली जगह के CCTV फुटेज खंगाले। फुटेज में दिखा कि गगन और एक अन्य व्यक्ति हादसे का नाटक कर रहे हैं। इसके बाद सतीश कुमार और मनमोहन नाम के एक वकील से पूछताछ की गई। दोनों ने गगन की संलिप्तता के साथ फर्जी मौत की बात स्वीकार की।"

जांच के क्रम में पुलिस को पता चला कि एक डॉक्टर ने दावे को असली दिखाने के लिए नकली दुर्घटना से पहले गगन के सिर पर मामूली चोट पहुंचाई थी। योजना थी कि गगन के नाम पर 13 फरवरी को जारी 2 करोड़ रुपए के बीमा भुगतान का दावा किया जाए। जांच में यह भी पता चला कि हापुड़ में गगन का कथित अंतिम संस्कार नहीं हुआ था।

पुलिस ने सतीश कुमार, वकील मोहनलाल और एक डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। 25 मार्च को धोखाधड़ी और साजिश से संबंधित BNS धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई। DCP ने बताया कि आगे की जांच चल रही है। पुलिस आरोपियों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) प्राप्त कर रही है।