बारिश में खेलने की मासूम जिद... और पिता ने कर दी हत्या! दिल्ली के सागरपुर में 10 साल के बच्चे ने जैसे ही बाहर जाने की जिद की, पिता ने उठाया चाकू और ले ली जान! क्यों टूटा एक बाप इस कदर? सच्चाई रूह कंपा देगी… पुलिस जांच में सामने आएंगे राज!
Delhi child murder: देश की राजधानी दिल्ली से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसे सुनकर हर संवेदनशील व्यक्ति का दिल कांप उठेगा। महज बारिश में खेलने की मासूम जिद पर एक पिता ने अपने 10 साल के बेटे को चाकू मार दिया, और उसे हमेशा के लिए खामोश कर दिया। यह वारदात दिल्ली के सागरपुर इलाके में हुई। पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
मासूम की ख्वाहिश और पिता का बेकाबू गुस्सा
शनिवार की सुबह राजधानी में बारिश हो रही थी। बच्चे उत्साह में बाहर खेलने को मचल रहे थे। सागरपुर इलाके में रहने वाला 10 वर्षीय लड़का भी बारिश में खेलना चाहता था। लेकिन उसके पिता ए. रॉय (40), जो कि एक दिहाड़ी मजदूर हैं, ने उसे घर से बाहर जाने से मना किया। बेटे ने जब बार-बार ज़िद की तो पिता का गुस्सा बेकाबू हो गया। वह रसोई में गया और एक धारदार चाकू उठाकर सीधे बेटे की बाईं पसली में घोंप दिया। एक मासूम की छोटी सी खुशी का अंत इतना भयानक होगा, किसी ने सोचा भी नहीं था।
अस्पताल ले गया, लेकिन नहीं बचा सका
घटना के बाद जब आरोपी पिता को होश आया तो वह तुरंत बेटे को दादा देव अस्पताल लेकर पहुंचा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसी अस्पताल से पुलिस को इस चौंकाने वाली घटना की सूचना दी गई। जांच अधिकारी तत्काल अस्पताल पहुंचे और बच्चे की मौत की पुष्टि के बाद मौके की जांच शुरू कर दी।
जांच में सामने आया दर्दनाक सच
पुलिस की शुरुआती जांच में स्पष्ट हो गया कि बच्चे की मौत के पीछे उसके अपने ही पिता का हाथ है। आरोपी रॉय अपने चार बच्चों के साथ एक कमरे के किराए के मकान में रह रहा था। उसकी पत्नी का निधन कुछ साल पहले हो गया था, और वह अकेले ही बच्चों की परवरिश कर रहा था। मृतक बच्चा चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर था। जांच में यह भी सामने आया कि परिवार आर्थिक और मानसिक तनाव से गुजर रहा था, जिससे आरोपी का व्यवहार अक्सर चिड़चिड़ा हो जाता था।
हत्या का मामला दर्ज, आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज करते हुए आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू भी बरामद कर लिया गया है।पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या आरोपी का मानसिक संतुलन बिगड़ा हुआ था या यह केवल एक क्षणिक गुस्से का नतीजा था।
क्या सिस्टम ने भी छोड़ा अकेला?
यह मामला केवल एक हत्या का नहीं, बल्कि सामाजिक विफलता की तस्वीर भी है। एक अकेला, आर्थिक रूप से कमजोर पिता चार बच्चों को पाल रहा था, जिसमें कोई सामाजिक, मानसिक या प्रशासनिक सहयोग नहीं था। क्या इस त्रासदी को रोका जा सकता था?