प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) में छत्तीसगढ़ को “सर्वश्रेष्ठ राज्य” घोषित किया गया है। शून्य लंबितता, पारदर्शी क्लेम प्रोसेसिंग और अस्पतालों के सक्रिय सहयोग से राज्य ने राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
रायपुर। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य और शून्य लंबितता (Zero Pendency) सुनिश्चित करने में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए छत्तीसगढ़ को “सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य” घोषित किया गया है।
यह सम्मान भोपाल में आयोजित एनएचए कॉन्क्लेव के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के CEO श्री सुनील कुमार बर्नवाल ने राज्य नोडल एजेंसी (SNA) की मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. प्रियंका शुक्ला और प्रोजेक्ट डायरेक्टर (ऑपरेशन) श्री धर्मेंद्र गहवाई को प्रदान किया।
यह उपलब्धि राज्य नोडल एजेंसी द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही बढ़ाने के निरंतर प्रयासों का परिणाम है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल: योजना बनी प्राथमिक एजेंडा
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हाल ही में आयोजित कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में पहली बार आयुष्मान भारत योजना (PM-JAY) को एक प्रमुख एजेंडे के रूप में शामिल किया गया।
उन्होंने सभी कलेक्टर्स को अपने जिलों में योजना की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए, जिससे कार्यान्वयन की गति और निगरानी में सुधार आया।
छत्तीसगढ़ की प्रमुख पहलें और सुधार
राज्य नोडल एजेंसी ने हाल के महीनों में कई सशक्त कदम उठाए-
- संदिग्ध दावों की पहचान और व्यापक फील्ड ऑडिट
- क्लेम प्रोसेसिंग टाइम (TAT) में उल्लेखनीय कमी
- सभी हितधारकों का संवेदनशीलता प्रशिक्षण
- स्टेट एंटी फ्रॉड यूनिट (SAFU) का सशक्त गठन
- एम्पैनल्ड अस्पतालों (EHCPs) के साथ नियमित संवाद
जनवरी 2025 में NHA की समीक्षा बैठक में संदिग्ध दावों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक पाई गई थी। इसके बाद राज्य नोडल एजेंसी ने तुरंत त्वरित कार्ययोजना बनाकर उस पर प्रभावी कार्रवाई की।
सख्त कार्रवाई और पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम
जनवरी-फरवरी 2025 के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने राज्यभर में 52 अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया। योजना के मानकों का पालन न करने पर 45 अस्पतालों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की गई- जो अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई थी। साथ ही, 32,000 से अधिक मामलों में फील्ड ऑडिट किए गए, जिससे फर्जी दावों पर रोक लगी और क्लेम निपटान प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया गया।
जिला और राज्य स्तर पर सघन समीक्षा प्रणाली
स्वास्थ्य सचिव श्री अमित कटारिया की अध्यक्षता में आयोजित मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की तिमाही समीक्षा बैठक में PM-JAY को मुख्य एजेंडा बनाया गया। इसके अलावा-
- राज्य नोडल एजेंसी की CEO डॉ. प्रियंका शुक्ला के नेतृत्व में जिलों की मासिक समीक्षा बैठकें शुरू हुईं।
- दैनिक उपलब्धियों के आधार पर जिलों को रोजाना फीडबैक और दिशा-निर्देश भेजने की नई प्रणाली विकसित की गई।
अस्पतालों से निरंतर संवाद और सहयोग
एम्पैनल्ड अस्पतालों की समस्याओं के समाधान के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं। हाल ही में एनएचए विशेषज्ञों की उपस्थिति में स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन भी हुआ, जिसमें अस्पतालों की चुनौतियों पर चर्चा, सुझाव संग्रह और नई प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई।
संदिग्ध दावों में भारी गिरावट और तेज़ क्लेम अप्रूवल
स्वास्थ्य विभाग के निरंतर प्रयासों से संदिग्ध दावों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है। जहां पहले प्रति सप्ताह 2,000 से अधिक संदिग्ध दावे दर्ज होते थे, अब यह घटकर 500 से कम रह गए हैं। साथ ही, क्लेम अप्रूवल का समय घटकर अब सिर्फ 7 से 10 दिन रह गया है।
97% अस्पताल सक्रिय, बना राष्ट्रीय उदाहरण
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में PM-JAY के तहत 97% अस्पताल सक्रिय हैं- यह अस्पतालों के योजना पर भरोसे का प्रमाण है। तुलनात्मक रूप से, मध्यप्रदेश में यह दर 62% और देश का औसत मात्र 52% है।
स्वास्थ्य मंत्री की प्रशंसा और आगे की दिशा
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस उपलब्धि के लिए स्वास्थ्य विभाग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि PM-JAY अब सभी जिलों की समीक्षा बैठकों का प्रमुख एजेंडा है, और राज्य स्तर पर हर माह प्रगति की समीक्षा की जा रही है।
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ के सभी पात्र परिवारों को गुणवत्तापूर्ण, निःशुल्क और सम्मानजनक स्वास्थ्य सुविधा मिले। मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने स्वास्थ्य क्षेत्र में अल्प समय में उल्लेखनीय सुधार करते हुए अपनी कार्यकुशलता और प्रतिबद्धता का राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाण दिया है।
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