Chhattisgarh IED Blast: छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने IED ब्लास्ट किया, जिसमें ASP आकाश राव गिरिपुंजे शहीद हो गए और कई जवान घायल। घटना भारत बंद के दौरान हुई।
Chhattisgarh News: पिछले कुछ महीनों से छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में सुरक्षा बलों को सफलता भी मिली है। यही वजह है कि कई जिलों से नक्सलियों का पूरी तरह से सफाया हो चुका है। वहीं दूसरी ओर इस कार्रवाई से बौखलाए नक्सलियों ने आज एक बड़ी घटना को अंजाम दिया है। उन्होंने सुकमा जिले में आईईडी ब्लास्ट किया है। इस हादसे में एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे शहीद हो गए हैं, जबकि कई अन्य पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
सोमवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी ब्लास्ट में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और अन्य जवान घायल हो गए। यह घटना डोंड्रा गांव के पास हुई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (कोंटा संभाग) आकाश राव गिरिपुंजे गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसके बाद वे शहीद हो गए। घायलों को कोंटा अस्पताल ले जाया गया है, यह घटना नक्सलियों द्वारा बुलाए गए बंद के मद्देनजर की जा रही पेट्रोलिंग के दौरान हुई। यह ब्लास्ट की घटना सुबह 9 से 10 बजे के बीच की बताई जा रही है।
इलाज के दौरान एएसपी शहीद
एएसपी आकाश राव गिरिपंजे सीपीआई(एम) द्वारा 10 जून को भारत बंद के आह्वान के मद्देनजर किसी भी नक्सली घटना को रोकने के लिए क्षेत्र में पैदल गश्त पर थे। सभी घायलों का कोंटा अस्पताल में इलाज चल रहा है। अन्य घायल फिलहाल खतरे से बाहर हैं। इलाज के दौरान एएसपी आकाश राव की मौत हो गई। घटना के बाद से इलाके में सर्चिंग बढ़ा दी गई है।
यह हमारे लिए दुखद क्षण है- डिप्टी सीएम शामरा
छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शामरा ने घटना के बारे में कहा कि कोंटा-एर्राबोरा मार्ग पर डोंड्रा के पास आईईडी ब्लास्ट होने से घायल होने के बाद एएसपी सुकमा आकाश राव गिरिपंजे ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। वे एक बहादुर सिपाही थे और उन्हें कई बहादुरी पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। यह हमारे लिए दुखद क्षण है। सर्च और ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।
इससे पहले भी हो चुके हैं ऐसे धमाके
इससे पहले 6 जनवरी 2025 को बीजापुर जिले में हुए बड़े नक्सली हमले में 9 लोग शहीद हुए थे, जिसमें 8 सुरक्षाकर्मी और एक नागरिक ड्राइवर शामिल थे। यह हमला 60-70 किलो वजनी आईईडी से किया गया था, जो पिछले दो सालों में राज्य में सुरक्षा बलों पर सबसे बड़ा हमला था।
सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर नक्सलियों द्वारा किए गए इस तरह के हमले राज्य में नक्सल विरोधी अभियान के लिए चुनौती बने हुए हैं। हालांकि, सुरक्षा बलों को लगातार मिल रहे समर्थन से नक्सलियों की हताशा साफ तौर पर दिखाई दे रही है। मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने के लिए नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी अब बड़ी चुनौती बन गए हैं।