Glass Bridge in Kaimur: कैमूर के तेल्हाड़ कुंड जलप्रपात पर लगभग 9 करोड़ की लागत से दूसरा ग्लास ब्रिज बनने जा रहा है। इस परियोजना में एक वॉच टावर और एक हैंगिंग ब्रिज भी शामिल होगा, जिससे पर्यटकों को मनोरम दृश्य देखने को मिलेंगे।

Kimur News: बिहार के कैमूर पहाड़ी पर पर्यटकों के लिए कई मनोरम स्थल हैं, जिनमें तेल्हाड़ कुंड जलप्रपात का नजारा सबसे अलग होता है। यहां साल भर पर्यटक घूमने आते हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में जब कैमूर का दौरा किया था, तब उन्होंने तेल्हाड़ कुंड के पास ग्लास ब्रिज बनाने की घोषणा की थी। बाद में, राज्य सरकार ने इससे संबंधित योजना को भी मंजूरी दे दी।

तेल्हाड़ कुंड जलप्रपात पर ग्लास ब्रिज निर्माण योजना पर लगभग 9 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। ग्लास ब्रिज और वॉच टावर झूला भी बनाया जाएगा। बारिश के बाद निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। यह बिहार का दूसरा ग्लास ब्रिज होगा। पहला नालंदा में बना है।

मार्च 2027 तक पूरा होगा काम

कैमूर के डीएफओ चंचल प्रकाशम ने बताया कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कैमूर आए थे, तब उन्होंने तेल्हाड़ कुंड पर ग्लास ब्रिज बनाने की घोषणा की थी। अब सरकार से मंजूरी मिलने के बाद 9 करोड़ की लागत से ग्लास ब्रिज बनाया जाएगा। ग्लास ब्रिज के साथ-साथ एक वॉच टावर और एक हैंगिंग ब्रिज भी बनाया जाएगा। बारिश के बाद काम शुरू होगा और इसे पूरा होने में दो साल लगेंगे। मार्च 2027 तक काम पूरा होने की संभावना है।

स्थानीय लोगों को मिलेंगे रोज़गार के नए अवसर

बिहार में तेल्हाड़ कुंड जलप्रपात का नज़ारा पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है, जब पानी ऊंचाई से गिरकर पत्थरों से टकराता है और कोहरे का रूप धारण कर आसमान को ढक लेता है, जो देखने लायक होता है। ग्लास ब्रिज के निर्माण की घोषणा से ज़िले के लोगों में खुशी की लहर है।

ये भी पढ़ें- Bihar Crime: एक और हत्या से फैली सनसनी! अपराधियों ने युवक के सिर और सीने में मारी गोली

सेल्फी पॉइंट और व्यू पॉइंट का भी ले सकेंगे आनंद

तेल्हाड़ कुंड जलप्रपात पर हैंगिंग ब्रिज, ग्लास ब्रिज और वॉच टावर जैसी संरचनाओं के निर्माण से इसकी पहचान देश के एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में बनेगी। यहां पर्यटक फोटोग्राफी, सेल्फी पॉइंट, व्यू पॉइंट आदि का भी आनंद ले सकेंगे। साथ ही स्थानीय युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे। गाइड, कैफेटेरिया, दुकानों और आवास-खानपान सेवाओं में रोज़गार के अवसर तेज़ी से बढ़ेंगे। साथ ही, महिलाओं को भी यहां हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों को बेचने का बेहतर अवसर मिलेगा।

ये भी पढ़ें- Bihar Election 2025: आ गई एक और रिपोर्ट! दलितों की पहली पसंद बने ये नेता, नाम जानकर चौंक जाएंगे आप