2 lakh rupees financial aid in bihar: बिहार सरकार ने पेंशन को ₹400 से बढ़ाकर ₹1100 कर दिया है और BPL परिवारों को ₹2 लाख की आर्थिक मदद देगी। जानिए कौन पात्र है और कैसे करें आवेदन।
Bihar pension scheme: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने आम जनता को साधने के लिए बड़ी योजनाओं की घोषणा कर दी है। एक तरफ जहां वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांगजन पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर सीधे 1100 रुपये प्रति माह कर दिया गया है, वहीं दूसरी ओर गरीबों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 2 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद देने की योजना भी शुरू कर दी गई है।
पेंशन में ऐतिहासिक बढ़ोतरी, सीधे 175% की वृद्धि
लंबे समय से मांग की जा रही थी कि बिहार में बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को दी जा रही ₹400 मासिक पेंशन बेहद कम है। अब सरकार ने इस मांग को मानते हुए राशि को बढ़ाकर ₹1100 कर दिया है। इससे प्रदेश के लाखों जरूरतमंद लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।
सरकार ने यह भी ऐलान किया है कि गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले परिवारों को खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए ₹2 लाख तक की आर्थिक मदद दी जाएगी। यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में दी जाएगी और इसका उद्देश्य बेरोजगारी कम करना और लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है।
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कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण पात्रता शर्तें तय की गई हैं:
- आवेदक बिहार का मूल निवासी होना चाहिए।
- परिवार की मासिक आय ₹6000 से कम होनी चाहिए।
- BPL श्रेणी में पंजीकृत होना अनिवार्य है।
- जातीय जनगणना 2023 की पात्रता सूची में नाम शामिल होना चाहिए।
जरूरी दस्तावेजों की सूची
- आधार कार्ड (बिहार का)
- आय प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- बैंक खाता विवरण
- पासपोर्ट साइज फोटो
कहां और कैसे करें आवेदन?
सरकार की ओर से फिलहाल आवेदन प्रक्रिया को ऑफलाइन और पंचायत स्तर से शुरू किया गया है। जल्द ही इसे ऑनलाइन पोर्टल पर भी उपलब्ध कराया जाएगा। पंचायत सचिव और ब्लॉक कार्यालय में जाकर आवेदन फॉर्म भरा जा सकता है।
बिहार सरकार ने 2023 में जातीय जनगणना कराई थी, जिसके मुताबिक राज्य में करीब 94 लाख परिवार ऐसे हैं जो ₹6000 से कम मासिक आय में जीवन यापन कर रहे हैं। इन्हीं परिवारों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
जनगणना के अनुसार बिहार में:
- 36% लोग अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं
- 13% अन्य पिछड़ा वर्ग
- 1.68% अनुसूचित जनजाति
- 65% दलित और 52% सामान्य वर्ग भी शामिल हैं
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