पटना. आज का समय इतना आधुनिक हो गया है कि लोग हिंदी बोलने वाले को अनपढ़ या गंवार कहने लगते हैं। गांव के लोगों को हिंदी मीडियम से पढ़ने के कारण ये ताना झेलना पड़ता है। पर इलाहाबाद में जिस लड़के को लोग संस्कृत पढ़ने और बोलने की वजह से गंवार समझते थे उसने सिविल सर्विस पास कर इतिहास रच दिया। इतना ही नहीं उसे व्हील चेयर पर बैठा उसकी बहन इंटरव्यू दिलवाने अकेले खींचकर लेकर गई थी। संस्कृत के विद्वानों के परिवार में पला-बढ़ा ये लड़का बड़ा अधिकारी बन चुका है। IAS, IPS IRAS सक्सेज स्टोरी में हम आपको बिहार के आदित्य कुमार झा के संघर्ष की कहानी सुना रहे हैं।