कोचाधामन विधानसभा चुनाव 2025 में RJD, JDU और AIMIM के बीच टक्कर सस्पेंस से भरी है। 2010 में RJD, 2015 में JDU और 2020 में AIMIM जीता। क्या इस बार वोटर फिर नया इतिहास लिखेंगे?
Kochadhaman Assembly Election 2025: कोचाधामन विधानसभा चुनाव 2025 (Kochadhaman Vidhan Sabha Chunav 2025) बिहार की उन सीटों में से है जो हर बार राजनीतिक समीकरण बदल देती है। मुस्लिम बहुल यह इलाका (Muslim Voter Bihar Election) AIMIM, RJD और JDU के लिए चुनावी रणभूमि बन चुका है। 2010 में राजद (RJD), 2015 में जदयू (JDU) और 2020 में AIMIM की जीत यह साबित करती है कि यहां का वोटर हर बार नए नतीजे देता है। यही वजह है कि इस बार भी कोचाधामन चुनाव में जबरदस्त सस्पेंस है।
क्या 2010 में राजद की जीत ने रखी थी नींव?
2010 में पहली बार इस सीट पर चुनाव हुआ। आरजेडी उम्मीदवार अख्तरुल इमाम ने जदयू के मुजाहिद आलम को 9,025 वोटों से हराकर इतिहास रचा। इस जीत ने राजद को मुस्लिम वोटबैंक का मजबूत सहारा दिया।
क्यों 2014-2015 में जदयू ने की वापसी?
2014 के उपचुनाव में जदयू के मुजाहिद आलम ने AIMIM के अख्तरुल इमाम को 18,843 वोटों से हराकर सीट पर कब्जा जमाया। 2015 विधानसभा चुनाव में भी जदयू विजयी रहा, इस बार मुजाहिद आलम ने 55,929 वोट लेकर AIMIM को फिर मात दी।
2020 में AIMIM की धमाकेदार एंट्री कैसे हुई?
2020 में कहानी पलटी। AIMIM उम्मीदवार मोहम्मद इज़हार अस्फी ने 79,893 वोट पाकर जदयू के मुजाहिद आलम को करारी शिकस्त दी। आरजेडी तीसरे नंबर पर रही। AIMIM की यह जीत बिहार की राजनीति में मुस्लिम वोटों के नए ध्रुवीकरण का संकेत थी।
2025 में किसकी होगी वापसी-RJD, JDU या AIMIM?
अब 2025 में बड़ा सवाल यही है कि क्या AIMIM अपना किला बचा पाएगी, या फिर जदयू-राजद मिलकर उसे चुनौती देंगे। मुस्लिम वोटरों का झुकाव किस ओर होगा, यही इस बार का सबसे बड़ा रहस्य है।
