छातापुर विधानसभा चुनाव 2025: इस सीट पर BJP के नीरज कुमार सिंह, RJD और JD(U) के बीच कड़ी टक्कर। 2010, 2015 और 2020 के आंकड़े बताते हैं मतदाताओं की बदलती प्राथमिकताएं। विकास, सड़क और जातीय समीकरण होंगे निर्णायक।

Chhatapur Assembly Election 2025: छातापुर विधानसभा सीट बिहार के सुपौल जिले की प्रमुख और चर्चित सीटों में से एक है। पिछले तीन चुनावों से यह सीट लगातार नीरज कुमार सिंह के नेतृत्व में जदयू और BJP के हाथ में रही है। 2020 में BJP के नीरज कुमार सिंह ने RJD के विपिन कुमार सिंह को 20,635 वोटों के अंतर से पराजित किया। छातापुर विधानसभा में जनता के बीच विकास, सड़क, शिक्षा और किसानों के मुद्दे मुख्य भूमिका निभाते हैं। 2025 में यह देखना रोचक होगा कि क्या नीरज कुमार सिंह का किला बरकरार रहेगा या विपक्ष नई रणनीति के साथ मुकाबला करेगा।

पिछले तीन विधानसभा चुनावों का विश्लेषण

2020 विधानसभा चुनाव

  •  विजेता: नीरज कुमार सिंह (BJP) - 93,755 वोट
  •  उपविजेता: विपिन कुमार सिंह (RJD)- 73,120 वोट
  •  वोट अंतर: 20,635

नोट : 12 वीं पास बीजेपी नेता नीरज कुमार सिंह पर तीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उनकी कुल चल-अचल संपत्ति 14 करोड़ रुपए हैं और उन पर करीब 1.48 करोड़ रुपए की देनदारी भी है।

2015 विधानसभा चुनाव

  •  विजेता: नीरज कुमार सिंह (BJP)- 75,697 वोट
  •  उपविजेता: जहूर आलम (RJD) - 66,405 वोट
  •  वोट अंतर: 9,292

2010 विधानसभा चुनाव

  •  विजेता: नीरज कुमार सिंह (JD(U)- 66,895 वोट
  •  उपविजेता: अकील अहमद (RJD) - 43,165 वोट
  •  वोट अंतर: 23,730

खास बात: इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि नीरज कुमार सिंह लगातार तीन बार जीत दर्ज कर चुके हैं, जिससे उनका क्षेत्र में जनाधार मजबूत है।

छातापुर विधानसभा: जातीय समीकरण और राजनीतिक प्रभाव

छातापुर विधानसभा में यादव, पासवान, मुस्लिम और पिछड़े वर्ग के मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। BJP की पकड़ मुख्य रूप से सामाजिक रूप से मजबूत वर्गों और स्थानीय नेतृत्व पर आधारित है, जबकि RJD और अन्य विपक्षी पार्टियां यादव और मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कोशिश करती हैं।

आगामी चुनाव के प्रमुख मुद्दे

  • 1. विकास कार्य: सड़क निर्माण, पुल और बुनियादी सुविधाएं
  • 2. शिक्षा और स्वास्थ्य: स्कूल, कॉलेज और अस्पताल की स्थिति
  • 3. किसान और रोजगार: नई योजनाएं और रोजगार सृजन
  • 4. सामाजिक मुद्दे: पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों की भागीदारी

खास बात: इन मुद्दों पर उम्मीदवारों की छवि और उनके पिछले कार्य क्षेत्र का मूल्यांकन मतदाता तय करेगा।

रणनीति और मुकाबला

BJP की रणनीति है कि नीरज कुमार सिंह को फिर से मैदान में उतारा जाए। वहीं, RJD और अन्य विपक्षी दल नई रणनीति और गठबंधन के माध्यम से मतदाताओं को आकर्षित करने पर काम कर रहे हैं। 2025 का चुनाव न केवल छातापुर का, बल्कि सुपौल जिले की राजनीति की दिशा तय कर सकता है।